भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकिंग व्यवस्था में नकदी घटाने के लिए सोमवार को 4 दिन के वैरिएबल रेट रिवर्स रीपो (VRRR) नीलामी का आयोजन किया। ओवरनाइट मनी मार्केट रेट गिरकर रीपो रेट के नीचे आ जाने के कारण रिजर्व बैंक ने यह कदम उठाया है। इस समय रीपो रेट 6.5 प्रतिशत है।
बैंकों ने नीलामी में 18,750 करोड़ रुपये लगाए, जबकि 6.49 प्रतिशत भारित औसत दर पर अधिसूचित राशि 50,000 करोड़ रुपये थी। इसके पहले की VRRR नीलामी शुक्रवार को हुई थी, जिसमें बैंकों ने 3,975 करोड़ रुपये डाले थे और अधिसूचित राशि भी इतनी ही थी।
बैंकिंग व्यवस्था में नकदी की स्थिति सुधरने पर भारित औसत काल दर और टीआरईपीएस दर शुक्रवार को गिरकर क्रमशः 6.1 प्रतिशत और 6.24 प्रतिशत पर आ गई।
सोमवार को दरें क्रमशः6.47 प्रतिशत और 6.28 प्रतिशत रहीं। सरकार के व्यय के कारण रविवार को बैंकिंग व्यवस्था में नकदी की कमी घटकर 1.1 लाख करोड़ रुपये रह गई,जो शुक्रवार को 2.2 लाख करोड़ रुपये थी।
करूर वैश्य बैंक के कोषागार प्रमुख वीआरसी रेड्डी ने कहा, ‘रिजर्व बैंक नकदी का परिचालन दुरुस्त कर रहा है। जब इंटरबैंक दर 6.80 प्रतिशत से ऊपर जाता है, वे वीआरआर का संचालन करते हैं।
जब इंटरबैंक दरें रीपो से नीचे आती हैं और एसडीएफ दर की ओर बढ़ती हैं तो वे VRR जारी करते हैं। इस तरह से वे इंटरबैंक दरें अनुकूल स्तर पर बनाए रखना चाहते हैं।’
केंद्रीय बैंक मंगलवार को ओवरनाइट VRR नीलामी का आयोजन करेगा, जिससे व्यवस्था में से 75,000 करोड़ रुपये नकदी निकाली जा सके।
बाजार हिस्सेदारों का कहना है कि केंद्रीय बैंक सक्रियता से वैरिएबल रेट रिवर्स रीपो (VRRR) और VRR नीलामी कर रहा है, जिससे व्यवस्था में बढ़ी नकदी को कम किया जा सके।
एक सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, ‘मनी मार्केट दरें एक वजह हैं, अन्य वजह यह है कि वे व्यवस्था में नकदी के असमान वितरण का समाधान करने की कोशिश कर रहे हैं।’