भारत और सिंगापुर ने मंगलवार को अपनी भुगतान प्रणालियों, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) और पेनाउ (PayNow)के बीच रियल टाइम लिंकेज लॉन्च किया ताकि सीमा पार निर्बाध भुगतान की सुविधा दी जा सके। यूपीआई और पेनाउ को जोड़ने के लिए समझौते पर सितंबर 2021 में हस्ताक्षर किए गए थे ताकि उपयोगकर्ता दोनों देशों के बीच कम लागत वाले फंड ट्रांसफर कर सकें।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास और मॉनिटरी अथॉरिटी ऑफ सिंगापुर (एमएएस) के प्रबंध निदेशक रवि मेनन के बीच मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर तुरंत सीमा पार लेनदेन की शुरुआत हुई। इस लिंकेज का उद्देश्य क्या हासिल करना है और लेनदेन कैसे होगा? इस पर विस्तार से नजर डालते हैं:
यह लिंकेज क्यों किया गया है?
सिंगापुर और भारत के बीच सीमा पार खुदरा भुगतान और भेजी जाने वाली रकम का दायरा 1अरब डॉलर से अधिक है। लेकिन आमतौर पर सीमा पार हस्तांतरण में भारी शुल्क लगने के साथ ही काफी वक्त भी लगता है।
यूपीआई-पेनाउ लिंकेज से भारत और सिंगापुर में दो तेज भुगतान सुविधा के उपयोगकर्ताओं को अपने संबंधित मोबाइल ऐप के जरिये सुविधाजनक और सुरक्षित तरीके से तत्काल और लागत प्रभावी सीमा-पार पूंजी हस्तांतरण करने में मदद मिलेगी।
यूपीआई-पेनाउ लिंकेज, दुनिया का पहला रियल-टाइम भुगतान तंत्र लिंकेज है जो क्लाउड-आधारित बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल कर भविष्य में एक देश से दूसरे देश में पूंजी भेजने की रफ्तार में बढ़ोतरी होने पर सुगमता से संचालन कर पाएगा।
यह कैसे किया जाएगा?
आरबीआई के अनुसार, बैंक खातों या ई-वॉलेट में रखी गई पूंजी को केवल यूपीआई-आईडी, मोबाइल नंबर या वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (वीपीए) का उपयोग करके भारत से स्थानांतरित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए भारत में पैसे भेजने वाले सिंगापुर के पेनाऊ के उपयोगकर्ता के पास पूंजी प्राप्त करने वाले की पंजीकृत यूपीआई पहचान, भारतीय रुपये या सिंगापुर डॉलर में भेजी गई राशि को उनके अनुरूप करने की आवश्यकता होगी।
फिर उन्हें भुगतानकर्ता के नाम और भुगतान विवरण की पुष्टि करनी होगी, जिसके बाद पूंजी सफलतापूर्वक स्थानांतरित की जाएगी। इसी तरह, सिंगापुर को पैसे भेजने वाले भारत यूपीआई उपयोगकर्ता को प्राप्तकर्ता के पंजीकृत पेनाऊ मोबाइल नंबर या वीपीए की आवश्यकता होगी।
इसमें कौन-कौन से बैंक शामिल हैं?
शुरुआत में, भारतीय स्टेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, इंडियन बैंक और आईसीआईसीआई बैंक देश में पैसे आने और बाहर भेजे जाने दोनों ही तरह की सुविधा देंगे जबकि ऐक्सिस बैंक और डीबीएस इंडिया केवल देश में पूंजी आने की सुविधा देंगे। सिंगापुर उपयोगकर्ताओं के लिए, यह सेवा डीबीएस-सिंगापुर और लिक्विड ग्रुप (एक गैर-बैंक वित्तीय संस्थान) के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी।
इस लिंकेज के माध्यम से भेजी जाने वाली राशि की अधिकतम सीमा क्या है?
यूपीआई-पेनाउ लिंकेज के माध्यम से सीमा पार पूंजी लेनदेन की दैनिक सीमा 60,000 रुपये तय की गई है जो लगभग 1,000 सिंगापुर के डॉलर के बराबर है। लेनदेन करने के समय यह तंत्र तेजी से गणना कर और उपयोगकर्ता की सुविधा के लिए दोनों मुद्राओं में राशि दिखा देगा।
यह लिंकेज लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) के तहत ‘विदेश में रिश्तेदारों के साथ संबंध बनाए रखने’ और ‘उपहार’ के उद्देश्य से केवल एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को पूंजी भेजने की अनुमति दी जा सकती है और इसमें निर्धारित एलआरएस सीमाएं भी लागू होंगी।
इससे आरबीआई और एमएएस को क्या हासिल होगा?
इसके पीछे विचार यह है कि सिंगापुर और भारत में रहने वाले विदेशी कामगारों और छात्रों के लिए ये सेवाएं कम लागत वाली होने के साथ ही सुलभ हों ताकि उन्हें अपने गृह देशों में कम लागत में सीमा पार रकम भेजने और रकम हासिल करने में कोई दिक्कत न हो। इससे जुड़ने वाले संस्थान इस लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं।
एमएएस के अनुसार, लिंकेज में बढ़ी हुई दक्षता के लिए पूंजी नियंत्रण नियमों के स्वचालित समावेश का भी प्रावधान है। एमएएस और आरबीआई भाग लेने वाले वित्तीय संस्थानों की संख्या में बढ़ोतरी के साथ-साथ लागू होने वाले मामलों के लिंकेज की समीक्षा के साथ ही इसके दायरे में विस्तार करेंगे।