भारत ने अप्रैल में 6.24 अरब डॉलर का कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित किया है जो सालाना आधार पर 38 फीसदी अधिक है। यह जानकारी आज उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवद्र्घन विभाग (डीपीआईआईटी) की ओर जारी आंकड़ों से मिली है। कुल एफडीआई में अनिगमित निकायों की इक्विटी पूंजी, पुनर्निवेश से होने वाली कमाई और अन्य पूंजी शामिल है। अप्रैल में एफडीआई इक्विटी आवक सालाना आधार पर 60 फीसदी बढ़कर 4.44 अरब डॉलर हो गई।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति में सुधारों, निवेश सुविधाओं और कारोबारी सुगमता के मोर्चों पर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का नतीजा देश में एफडीआई के आवक में वृद्घि के रूप में आया है।’
सरकार की ओर से साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल में 24 फीसदी इक्विटी निवेश के साथ मॉरिशस निवेश करने वाले देशों में शीर्ष पर है। इसके बाद सिंगापुर का स्थान है जो 21 फीसदी के निवेश के साथ भारत के लिए एफडीआई के बड़े स्रोतों में से एक बना हुआ है। वहीं 11 फीसदी के साथ जापान तीसरे स्थान पर रहा। एफडीआई आकर्षित करने वाले राज्यों की बात करें तो कर्नाटक अप्रैल 2021 में पहले स्थान पर रहा जहां कुल एफडीआई आवक का 31 फीसदी निवेश आया। इसके बाद 19 फीसदी के साथ महाराष्ट्र दूसरे और 15 फीसदी के साथ दिल्ली तीसरे स्थान पर रहा। एक बार फिर से कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवयेर अप्रैल में निवेश आकर्षित करने वाला शीर्ष क्षेत्र के तौर पर उभरा। इसमें कुल एफडीआई इक्विटी आवक का करीब 24 फीसदी निवेश किया गया। इसके बाद सेवा क्षेत्र का स्थान रहा जिसमें 23 फीसदी निवेश किया गया और शिक्षा क्षेत्र में 8 फीसदी निवेश किया गया।
