भारत के 8 प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर जून, 2025 में पिछले साल की तुलना में घटकर 1.7 प्रतिशत रह गई है। पिछले साल इसी महीने में बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 5 प्रतिशत बढ़ा था। बहरहाल उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक मई के 1.2 प्रतिशत की तुलना में प्रमुख क्षेत्र के उत्पादन के आंकड़ों में थोड़ा सुधार हुआ है। मई की 0.7 प्रतिशत वृद्धि दर के अनंतिम आंकड़ों में संशोधन किया गया है।
भारत के कुल औद्योगिक उत्पादन में 8 क्षेत्रों- कोयला, स्टील, सीमेंट, उर्वरक, बिजली, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पादों और कच्चे तेल की हिस्सेदारी पांच में से दूसरा हिस्सा होती है। इसकी वजह से सूचकांक पर इनका उल्लेखनीय असर होता है। जून महीने में 8 सेक्टर में से 5 में संकुचन आया है, जिनमें कोयला (-6.8 प्रतिशत), कच्चा तेल (-1.2 प्रतिशत), प्राकृतिक गैस (2.8 प्रतिशत), उर्वरक (-1.2 प्रतिशत), बिजली (-2.8 प्रतिशत) शामिल हैं। वहीं दूसरी ओर रिफाइनरी उत्पादों, स्टील और सीमेंट क्षेत्र में जून में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में क्रमशः 3.4 प्रतिशत, 9.3 प्रतिशत और 9.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि बढ़े आधार का असर कोयले के उत्पादन पर पड़ा है, जबकि जून के दूसरे पखवाड़े में बारिश की वजह से बिजली उत्पादन प्रभावित हुआ है। नायर ने कहा, ‘जून महीने में सीमेंट और स्टील क्षेत्रों के उत्पादन में 9.2-9.3 प्रतिशत की तेज वृद्धि हुई है, जो उत्साहजनक है। हालांकि स्टील के मामले में अनुकूल आधार का समर्थन मिला है। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में इन खंडों में मात्रा के आधार पर वृद्धि काफी अच्छी रही है, जिसका अर्थ है कि इस तिमाही में निर्माण क्षेत्र में मजबूत जीवीए वृद्धि होगी। प्रमुख उत्पादन में धीमी वृद्धि को देखते हुए इक्रा को उम्मीद है कि जून 2025 में आईआईपी वृद्धि 1.5-2.5 प्रतिशत रहेगी।’