facebookmetapixel
Stock Market Today: गिफ्ट निफ्टी में तेजी, एशियाई बाजार हरे निशान पर; जापान पीएम इशिबा ने दिया इस्तीफाStocks To Watch Today: अदाणी पावर-भूटान डील, टाटा-महिंद्रा कारें हुईं सस्ती; जानें आज किन स्टॉक्स पर ध्यान देंसीतारमण बोलीं- GST दर कटौती से खपत बढ़ेगी, निवेश आएगा और नई नौकरियां आएंगीबालाजी वेफर्स में 10% हिस्सा बेचेंगे प्रवर्तक, डील की वैल्यूएशन 40,000 करोड़ रुपये तकसेमीकंडक्टर में छलांग: भारत ने 7 नैनोमीटर चिप निर्माण का खाका किया तैयार, टाटा फैब बनेगा बड़ा आधारअमेरिकी टैरिफ से झटका खाने के बाद ब्रिटेन, यूरोपीय संघ पर नजर टिकाए कोलकाता का चमड़ा उद्योगबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोलीं सीतारमण: GST सुधार से हर उपभोक्ता को लाभ, मांग में आएगा बड़ा उछालGST कटौती से व्यापारिक चुनौतियों से आंशिक राहत: महेश नंदूरकरभारतीय IT कंपनियों पर संकट: अमेरिकी दक्षिणपंथियों ने उठाई आउटसोर्सिंग रोकने की मांग, ट्रंप से कार्रवाई की अपीलBRICS Summit 2025: मोदी की जगह जयशंकर लेंगे भाग, अमेरिका-रूस के बीच संतुलन साधने की कोशिश में भारत

वास्तविक ब्याज दर रहनी चाहिए 1 से 2 प्रतिशत के बीच

आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025 और जनवरी-मार्च तिमाही के लिए उपगभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (सीपीआई) 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है।

Last Updated- June 25, 2024 | 10:38 PM IST
वास्तविक ब्याज दर रहनी चाहिए 1 से 2 प्रतिशत के बीच, The actual interest rate should remain between 1 to 2 percent

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति के दो बाहरी सदस्य रीपो दर कम करने के लिए ऊंची वास्तविक ब्याज दरों की दलील दे रहे हैं। इस बीच, बिज़नेस स्टैंडर्ड के एक सर्वेक्षण में शिरकत करने वाले अधिकांश लोगों का मानना है कि तटस्थ दर (वास्तविक ब्याज दर) 1 प्रतिशत से 2 प्रतिशत के बीच रहनी चाहिए।

वास्तविक ब्याज दर महंगाई समायोजित दर होती है। बैंक ऑफ बड़ौदा में मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस कहते हैं, ‘देश में बचत और निवेश में संतुलन स्थापित करने की जरूरत है। लोग तभी बचत करने के लिए प्रेरित होंगे जब उन्हें कम से कम 1 प्रतिशत वास्तविक प्रतिफल मिलेगा।’

हाल में वास्तविक ब्याज दर पर बहस तेज हो गई है। इसका कारण यह है कि मुद्रास्फीति में तो कमी दिख रही है मगर रीपो दर फरवरी 2023 से 6.5 प्रतिशत पर जस की तस है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025 और जनवरी-मार्च तिमाही के लिए उपगभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (सीपीआई) 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है।

केंद्रीय बैंक वास्तविक ब्याज दर का अध्ययन करने के लिए आंतरित स्तर पर भी अध्ययन कर रहा है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्र ने जून में कहा कि वास्तविक ब्याज दर आरबीआई की मासिक बुलेटिन में प्रकाशित की जाएगी।

अर्थशास्त्रियों ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान वास्तविक ब्याज दर कम होकर 1 प्रतिशत से नीचे रह गई थी मगर अब इसे 1 प्रतिशत से अधिक रहना चाहिए था।
एचडीएफसी बैंक में प्रमुख अर्थशास्त्री साक्षी गुप्ता ने कहा, ‘पहले कोविड महामारी के दौरान आर्थिक गतिविधियां कम हो गई थीं जिसके कारण संभावित वृद्धि् मंद पड़ गई थी। इसके बाद आरबीआई द्वारा अनुमानित तटस्थ दर भी कम होकर 1 प्रतिशत से नीचे आ गई थी।’

गुप्ता ने कहा कि आर्थिक क्रियाकलापों में काफी सुधार हुआ है और आर्थिक वृद्धि की रफ्तार भी तेज हुई है। इसके साथ ही देश में उत्पादकता में भी इजाफा हुआ है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए वास्तविक ब्याज दर 1 प्रतिशत से ऊपर रहना चाहिए था।

First Published - June 25, 2024 | 10:38 PM IST

संबंधित पोस्ट