टेलीकॉम उद्योग को 2 साल में मिलेंगे 1,30,000 करोड़ रुपये, पहले के 1,00,000 करोड़ रुपये के अनुमान से 30,000 करोड़ रुपये ज्यादा मिलने की उम्मीद

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 4:34 PM IST

नए लाइसेंस धारकों के बाजार में आगाज के साथ ही भारतीय संचार क्षेत्र में आगामी 2 साल में 1,30,000 करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान है।


 उद्योग जगत ने इसके पहले 1,00,000 करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान लगाया था। नया अनुमान पहले की तुलना में 30,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है। यह अनुमान 5 अतिरिक्त लाइसेंस जारी किए जाने के बाद आया है।


संचार विभाग ने टेलीफोन सेवा उपलब्ध कराने के लिए कुल 121 यूनिवर्सल एसेस सर्विस लाइसेंस (यूएएसएल) जारी करने का मन बनाया था।


बहरहाल 5 मार्च 2008 को आवंटन पूरा होने के बाद कुल 126 नए लाइसेंस जारी किए गए, जो पहले की तुलना में 5 ज्यादा हैं। उद्योग जगत ने 121 लाइसेंसों के संचालन के बाद इसके पहले अपने


अनुमानों में 1,00,000 करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान लगाया था। इसमें 6 नए सेवा प्रदाताओं के आने से 50.000-60,000 करोड़ रुपये अधिक निवेश होने का अनुमान शामिल था।


सेलुलर आपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सीओएआई) के प्रमुख टीवी रामचंद्रन का कहना है, ‘जब सेवा प्रदाता, संचार सेवाएं शुरू करेंगे तो पहले के लाइसेंसों में 5 अतिरिक्त लाइसेंस बढ़ने से आगामी दो साल में 30,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त निवेश होगा।


नए सेवा प्रदाताओं के उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ने पर यह निवेश और ज्यादा हो सकता है। सेवा की गुणवत्ता और मार्केटिंग इंफ्रास्ट्रक्चकर में और अधिक निवेश की जरूरत होगी।’


उन्होंने कहा कि आधाभूत सुविधाओं का विकास करना सेवा प्रदाताओं की प्राथमिकता होगी। जिन क्षेत्रों के लिए उन्हें निवेश करना है वह आवंटित स्पेक्ट्रम की मात्रा पर निर्भर करेगा।


संचार विभाग के सूत्रों के मुताबिक अंतिम पांच लाइसेंस स्विटजरलैंड की कंपनी बाइसेल को दिया गया है।


इस कंपनी को पहले सुरक्षा संबंधी कुछ जरूरी कागजात जमा न करने के कारण रोक दिया गया था। निवेश का आंकड़ा बाद में और बढ़ सकता है क्योंकि पार्श्वनाथ डेवलपर्स ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है, जो अभी लंबित है।


अगर पार्श्वनाथ को लाइसेंस जारी किया जाता है तो निवेश और अधिक बढ़ने का अनुमान है।


विश्लेषकों के आकलन के मुताबिक जो कंपनी पूरे देश में सेवाएं प्रदान करेगी उसे 24 महीने में करीब 8,000 करोड़ रुपये का निवेश करना पड़ेगा।


इसका मतलब हुआ कि एक सर्किल में सेवाएं देने के लिए करीब 350 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। यह क्षेत्र विशेष और सेवा प्रदाता कंपनी के उपभोक्ताओं की संख्या पर भी निर्भर करेगा।


रेलीगेयर सिक्योरिटीज के  संचार विश्लेषक हिमांशु शाह का कहना है, ‘नए सेवा प्रदाताओं का सेवाएं शुरू करने में निवेश 8,000 से 10,000 करोड़ रुपये होगा।


स्पेक्ट्र म मिलना ही एकमात्र कठिनाई है, अन्यथा ज्यादातर कंपनियां पैसे जुटाने के लिए बातचीत कर रही हैं। वे इस उम्मीद पर बातचीत कर रही हैं कि आगामी दो साल में उन्हें अवसर मिल जाएगा।’


वीडियोकान इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक वेणुगोपाल धूत का कहना है, ‘हम 22 सर्किलों में सेवाएं शुरू करने के लिए प्राथमिक तौर पर 6,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बना रहे हैं।


इतना निवेश तत्काल करना पड़ेगा और बाद में विकास के साथ-साथ निवेश के बारे में निर्णय लिया जाएगा।’


कंज्यूमर इलेक्ट्रानिक्स की बड़ी कंपनी को 22 सर्किल में सेवाएं शुरू करने के लिए लाइसेंस मिल गया है। अब कंपनी दो माह के भीतर इसे अमल में लाने की योजना बना रही है।


रीयल एस्टेट की बड़ी कंपनी यूनीटेक ने आगामी 3-5 साल में कुल 8000 करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान लगाया है। इतने ही निवेश की योजना बीपीएल मोबाइल भी बना रही है।

First Published : March 14, 2008 | 9:20 PM IST