कई राज्यों में लॉकडाउन प्रतिबंध हटाए जाने से बिजली की मांग बढ़ाने में मदद मिली है। आर्थिक गतिविधियों में तेजी देखी जा रही है और कई संकेतक भी बढ़त के संकेत दे रहे हैं। ज्यादातर राज्यों द्वारा कोविड-19 प्रतिबंध खत्म किए जाने के बाद बिजली उत्पादन में सुधार दिख रहा है। देश में बिजली उत्पादन में पिछले हफ्ते सालाना आधार पर 8.6 फीसदी की बढ़त थी जबकि 2019 के कैलेंडर वर्ष के समान हफ्ते की तुलना में 2.7 फीसदी की तेजी थी। बिजली उत्पादन में वृद्धि को देश के अधिकांश भागों में धान की बुआई के मौसम की शुरुआत के लिहाज से भी देखा जा सकता है जिसकी वजह से सिंचाई की मांग बढ़ जाती है।
लोग पहले की तुलना में घर पर कम समय बिता रहे हैं और इसका अंदाजा सर्च इंजन गूगल के गतिशीलता रुझान से होता है। यह अनाम लोकेशन डेटा पर आधारित है जिसे कंपनी उपयोगकर्ताओं से इक_ा करती है। घर से बाहर जाने की प्रमुख वजहों में खरीदारी एक प्रमुख कारण है। किराना और दवा दुकानों पर जाने वालों की तादाद कोविड से पहले के दौर के मुकाबले 7.3 फीसदी अधिक है। हालांकि यह अप्रैल के अंत के बाद से नकारात्मक रहा था। ताजा आंकड़े 23 जून तक के हैं। कार्यस्थल पर जाने के आंकड़े मध्य अप्रैल के स्तर तक ही हैं।
भारतीय रेल पिछले साल की तुलना में अब ज्यादा माल ले जा रही है। रविवार को समाप्त हुए हफ्ते के दौरान माल की मात्रा पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 15.5 फीसदी अधिक रही। मुंबई में यातायात की भीड़ ताजा हफ्ते में 2019 के स्तर से पीछे हो गई। ग्लोबल लोकेशन टेक्नोलॉजी कंपनी टॉमटॉम इंटरनैशनल के आंकड़ों के मुताबिक यह ताजा सप्ताह में 2019 के औसत से 48 फीसदी नीचे था। नई दिल्ली के यातायात में लगातार सुधार होता रहा है। भीड़ पिछले सप्ताह में 46 फीसदी की तुलना में 2019 के स्तर से 44 फीसदी नीचे था।
बिज़नेस स्टैंडर्ड नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन का जायजा लेता है जिसका उत्सर्जन औद्योगिक गतिविधि और वाहनों की वजह से होता है। उत्सर्जन में तेजी को अक्सर गतिविधियों में आई तेजी के संकेतक के रूप में देखा जाता है। 2019 में दिल्ली का उत्सर्जन 8.9 फीसदी कम है। जून में इसमें दो अंकों की गिरावट देखी गई थी। मुंबई उत्सर्जन 2019 के स्तर से लगभग एक-तिहाई नीचे हैं।
साप्ताहिक आर्थिक संकेतक मौजूदा आर्थिक रुझानों का अंदाजा देते हैं। आधिकारिक वृहद आर्थिक डेटा अक्सर लंबे अंतराल के साथ जारी किए जाते हैं।
वैश्विक स्तर पर भी विश्लेषक इसी तरह के संकेतकों पर नजर रखते हैं। इसके जरिये उन्हें जमीनी स्तर पर आर्थिक स्थिति का आकलन करने में मदद मिलती है क्योंकि विभिन्न देशों में कोविड-19 महामारी को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन लगाया गया था। गूगल के गतिशीलता से जुड़े आंकड़ें को छोड़कर सभी डेटा रविवारए 27 जून को खत्म हुए हफ्ते के हैं।