पिछले सप्ताह के दौरान कोविड-19 के दर्ज किए गए मामलों की संख्या कई दिनों से 1,00,000 से नीचे रहने के कारण आत्मविश्वास बढऩे से लोग घरों से बाहर ज्यादा निकलने लगे हैं। कोविड के मामले 7 जून को छह अंकों के निशान से नीचे आ गए थे तथा रविवार को समाप्त होने वाले सप्ताह के अधिकांश भाग में इसमें सामान्य रूप से गिरावट का रुख दिखाई दे रहा है। आर्थिक गतिविधियों के साप्ताहिक संकेतकों में इसी के अनुरूप सुधार हुआ है।
लोगों ने इस साल अप्रैल के बाद से घर से बाहर ज्यादा समय बिताया है। सर्च इंजन गूगल इस बात पर नजर रखता है कि इस वैश्विकमहामारी के दौरान लोग किस तरह आवागमन कर रहे हैं। कार्यस्थलों की यात्रा बढ़ गई है। सामान्य रूप से यात्रा में सुधार हुआ दिख रहा है, क्योंकि सबवे, बसों और ट्रेनों जैसे आने-जाने वाले स्टेशनों पर अधिक लोग नजर आ रहे हैं। पार्कों में अधिक आगंतुक दिखाई दिए हैं। गूगल के आंकड़े कुछ अंतराल के बाद जारी किए जाते हैं। नवीनतम आंकड़े 8 जून तक के हैं, बाकि सभी आंकड़े रविवार, 13 जून तक के हैं।
यातायात की भीड़-भाड़ में भी इजाफा हुआ है, जिस पर स्थिति की जानकारी देने वाली वैश्विक प्रौद्योगिकी फर्म टॉम टॉम इंटरनैशनल द्वारा नजर रखी जाती है। मुंबई और नई दिल्ली दोनों ही जगहों पर लगातार चौथे सप्ताह यातायात बढ़ा है। हालांकि वर्ष 2019 की समान अवधि के मुकाबले दोनों शहरों में अब भी तकरीबन आधा ही यातायात है। वर्ष 2019 की तुलना में मुंबई के यातायात में अब तक जो सुधार हुआ, उसकी तुलना में नई दिल्ली कुछ पीछे है।
मुंबई ने नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का अधिक उत्सर्जन भी दर्ज किया है। यह वह प्रदूषक होता है, जो औद्योगिक गतिविधि और वाहनों से पैदा होता है। वर्ष 2019 की तुलना में दिल्ली का उत्सर्जन में कम है। मई की शुरुआत में 48 प्रतिशत के मुकाबले, यह 40 प्रतिशत कम है। उस समय कोविड के मामले प्रतिदिन 3,50,000 से अधिक थे।
भारतीय रेलवे दो अंकों की वृद्धि दिखाना जारी रखे हुए है। उसने पिछले साल के समान सप्ताह की तुलना में इसने करीब 30 प्रतिशत अधिक माल ढुलाई की है। माल ढुलाई से होने वाली कमाई करीब 41.5 प्रतिशत ज्यादा रही।
बिजली की मांग में भी इजाफे का रुख जारी रहा है, क्योंकि और ज्यादा राज्यों ने लॉकडाउन के प्रतिबंधों में ढील तथा अधिक वाणिज्यिक गतिविधि की अनुमति प्रदान की है। पिछले सप्ताह क्रमिक आधार पर बिजली उत्पादन में पांच प्रतिशत इजाफा हुआ। वर्ष 2020 के इसी सप्ताह के मुकाबले इसमें लगभग 11.3 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई, लेकिन वर्ष 2019 के इसी सप्ताह की तुलना में यह करीब पांच प्रतिशत कम रहा।
बिज़नेस स्टैंडर्ड हर सप्ताह इन आर्थिक संकेतकों पर नजर रखता है। इनसे यह पता चलता किकोविड-19 के मामलों में उतार-चढ़ाव से आर्थिक गतिविधि में किस प्रकार की तब्दीली आ रही है। अर्थव्यवस्था के विस्तृत आधिकारिक आंकड़े आम तौर पर कुछ अंतराल के बाद जारी किए जाते हैं। आधिकारिक आंकड़ों से पहले वैश्विक स्तर पर विश्लेषक अर्थव्यवस्था की थाह लेने के लिए इन संकेतकों पर भरोसा कर रहे हैं, क्योंकि दुनिया भर के देशों को इस वैश्विक महामारी को नियंत्रित करने के लिए इसी तरह का लॉकडाउन झेलना पड़ा है।
