वित्त वर्ष 2024 की जून तिमाही में देश का सेवा खंड में व्यापार अधिशेष कम होकर 36.4 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया। दुनिया की विकसित अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक गतिविधियां सुस्त रहने से देश से सेवाओं का निर्यात धीमा पड़ गया।
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार देश से सेवाओं का निर्यात 6.6 प्रतिशत बढ़कर 80.8 अरब डॉलर पहुंच गया जबकि इसी अवधि के दौरान इनका आयात 1.4 प्रतिशत कम होकर 44.4 अरब डॉलर रह गया।
वित्त वर्ष 2023 में भारत से सेवाओं का निर्यात 26.6 प्रतिशत की ऊंची छलांग के साथ 322 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था। इस उछाल के साथ ही वस्तुओं के निर्यात में अंतर समाप्त हो गया। समान अवधि के दौरान ही वस्तुओं का निर्यात महज 6 प्रतिशत बढ़कर 447 अरब डॉलर रहा था।
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के अनुसार वर्ष 2022 में सेवाओं के निर्यात-आयात में भारत 7वें स्थान पर रहा था। कंप्यूटर सेवाओं के बढ़े निर्याक की इसमें अहम योगदान रहा। सोमवार को जारी ‘विश्व व्यापार सांख्यिकी’ समीक्षा के अनुसार 2023 की जनवरी-अप्रैल अवधि के दौरान भारत से यात्रा सेवा निर्यात में 206 प्रतिशत की शानदार तेजी देखी गई। वाणिज्यिक सेवाओँ एवं अन्य सेवाओं के निर्यात में भी क्रमशः 23 प्रतिशत एवं 20 प्रतिशत की बड़ी तेजी दर्ज की गई।