भारत के दबदबे वाले सेवा क्षेत्र के पीएमआई में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांग बेहतर होने से फरवरी के दौरान शानदार तेजी आई है। बुधवार को जारी एक निजी बिजनेस सर्वे के मुताबिक भारत की कंपनियों को नए ऑर्डर मिलने में तेजी के कारण उनकी वृद्धि की दर अधिक रही।
एचएसबीसी के अंतिम सेवा पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) का संकलन एसऐंडपी ग्लोबल ने किया था। सेवा पीएमआई फरवरी में बढ़कर 59 हो गया जबकि यह फरवरी में 26 महीने के निचले स्तर 56.5 पर था। यह सूचकांक लगातार 21 महीने से 50 से ऊपर है। इसका 50 से ऊपर रहना इसे संकुचन से अलग करता है यानी बढ़त को दिखाता है।
सर्वे के अनुसार, ‘घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांग में सुधार के कारण भारत की सेवा कंपनियों के नए ऑर्डर में फरवरी में वृद्धि दर अधिक रही। इस वृद्धि ने उत्पादन में तेजी से विस्तार और रोजगार में पर्याप्त वृद्धि का आधार बनाया।’
सर्वे ने बताया कि कंपनियों ने फरवरी में लागत बोझ में वृद्धि का अनुभव किया लेकिन महंगाई की दर चार महीने के निचले स्तर पर आ गई, क्योंकि उत्पादन कीमतों में वृद्धि की दर मोटे तौर पर जनवरी के समान थी और इसलिए यह दीर्घकालिक औसत से ऊपर बनी रही।
सर्वे ने बताया कि, ‘वृद्धि को बढ़ाने वाले प्रमुख कारक उत्पादकता में लाभ, अनुकूल अंतर्निहित मांग और नए कारोबार से अधिक उठान थे।’ सर्वे में आगे बताया गया कि अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर से वृद्धि को मदद मिली। सेवा प्रदाताओं ने अफ्रीका, एशिया, यूरोप, अमेरिका और पश्चिम एशिया से बेहतर मांग की जानकारी दी। कुल विदेशी बिक्री छह महीनों में सबसे तेज गति से बढ़ी। सर्वे ने बताया, ‘भारत की सेवा कंपनियों ने बढ़ते नए कारोबार और बढ़ी हुई क्षमता के दबाव के कारण भर्ती अभियान जारी रखा।’
रोजगार का विस्तार बहुत तेजी से हुआ। यह सर्वे दिसंबर 2005 से किया जा रहा है और तब से अब तक फरवरी में रोजगार की वृद्धि सबसे तेज में से एक थी। पैनल में शामिल होने वालों के मुताबिक पूर्णकालिक और अंशकालिक कर्मचारियों की सेवाएं ली गईं।
एचएसबीसी की भारत की मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने बताया कि वैश्विक मांग बीते छह महीनों के दौरान सबसे तेज गति से बढ़ी। नए निर्यात कारोबार के सूचकांक के अनुसार वैश्विक मांग ने भारत के सेवा क्षेत्र की उत्पादकता को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाई।