भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि भारत रुपये का बचाव नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक केवल आवश्यक कदम उठा रहा है, जिससे कि रुपये की चाल क्रमिक और बाजार धारणा के अनुरूप रहे।
माइंडमाइन सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि भारत की मूल धारणाएं ऐसी हैं कि हमें रुपये का बचाव करने की जरूरत पड़े। रुपया अपना ध्यान खुद रख लेगा।’मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 79.1475 पर बंद हुआ, जो एक महीने से ज्यादा का उच्च स्तर है। स्थानीय ऋण और इक्विटी बाजारों में विदेशी प्रवाह बढ़ा है। नागेश्वरन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां भारत की वृद्धि दर 6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगा रही हैं, वहीं देश की वृद्धि दर आसानी से 7 प्रतिशत सालाना से ऊपर रह सकती है, जो मौजूदा दशक तक इस स्तर या इससे ऊपर रहने की संभावना है।
उन्होंने कहा, ‘मैं 6 प्रतिशत वृद्धि को आसानी से हासिल होने वाली वृद्धि दर मान रहा हूं। साथ ही इसमें पूंजीगत व्यय बढ़ने से 0.5 प्रतिशत वृद्धि होने का अनुमान लगा रहा हूं। साथ ही हमने जो डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है, उससे जीडीपी में 0.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है।’