अर्थव्यवस्था

केरल देश में सबसे महंगा राज्य, खुदरा महंगाई में गिरावट पर हर स्टेट का अलग-अलग ट्रेंड; SBI रिपोर्ट में सामने आए आंकड़े

देश के 9 प्रमुख राज्यों में ग्रामीण महंगाई दर राष्ट्रीय ग्रामीण औसत से अधिक रही, जबकि 8 राज्यों में शहरी महंगाई, राष्ट्रीय शहरी औसत से अधिक रही।

Published by
मानसी वार्ष्णेय   
Last Updated- March 20, 2025 | 11:22 AM IST

देश में खुदरा महंगाई दर (CPI Inflation) फरवरी 2025 में घटकर 3.6% पर आ गई, जो पिछले सात महीनों में सबसे निचला स्तर है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, खाद्य और सब्जियों की कीमतों में गिरावट के चलते महंगाई में यह नरमी आई है। हालांकि, बड़े राज्यों में महंगाई दर अभी भी राष्ट्रीय औसत से अधिक बनी हुई है। SBI की एक रिसर्च रिपोर्ट में यह आंकड़े सामने आए हैं।

केरल में सबसे ज्यादा महंगाई दर्ज

राज्यवार आंकड़ों के अनुसार, केरल में फरवरी 2025 में महंगाई दर 7.3% रही, जो देश में सबसे अधिक थी। इसके बाद छत्तीसगढ़ में 4.9% की महंगाई दर्ज की गई।

ग्रामीण इलाकों में ज्यादा महंगाई

देश के 9 प्रमुख राज्यों में ग्रामीण महंगाई दर राष्ट्रीय ग्रामीण औसत से अधिक रही, जबकि 8 राज्यों में शहरी महंगाई, राष्ट्रीय शहरी औसत से अधिक रही।

SBI के ग्रुप चीफ इकनॉमिक एडवाइजर सौम्य कांति घोष के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई अधिक रहने की प्रमुख वजह खाद्य वस्तुओं की ऊंची कीमतें हैं। ग्रामीण उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) की खाद्य वस्तुओं में हिस्सेदारी 54.2% है, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 36.3% ही है।

यह भी पढ़ें: ग्लोबल ट्रेड तनाव से बढ़ेगी महंगाई, भारत में एफडीआई और डॉलर निवेश में गिरावट: आरबीआई रिपोर्ट

राज्यवार महंगाई दर

राज्य ग्रामीण महंगाई (%) शहरी महंगाई (%) कुल महंगाई (%)
बिहार 4.3 5.2 4.5
मध्य प्रदेश 4.1 2.5 3.4
महाराष्ट्र 2.2 3.5 3.1
गुजरात 3.1 2.8 3.0
दिल्ली 2.6 1.5 1.5

राज्यों में महंगाई का दीर्घकालिक ट्रेंड

महंगाई के ऐतिहासिक आंकड़ों के अनुसार,

  • तमिलनाडु में पिछले 13 वर्षों में 9 बार महंगाई दर राष्ट्रीय औसत से अधिक रही।
  • गुजरात और पंजाब में 9 बार महंगाई दर राष्ट्रीय औसत से कम दर्ज की गई।

राज्यों में अलग-अलग महंगाई दर, दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी

भारत में खुदरा महंगाई दर (CPI Inflation) हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में अलग-अलग रही है। वित्त वर्ष 2013 से 2025 (फरवरी तक) के आंकड़ों के मुताबिक, 18 राज्यों में महंगाई दर हमेशा राष्ट्रीय औसत से ज्यादा रही है।

यह भी पढ़ें: देसी उद्योग की सुरक्षा के लिए सरकार उठाएगी कदम, चुनिंदा स्टील आयात पर 12% सेफगार्ड शुल्क संभव!

महंगाई दर में स्थिरता आई

हाल के वर्षों में राज्यों की महंगाई दर 3% से 6% के बीच बनी हुई है। लेकिन वित्त वर्ष 2014 में कई राज्यों में यह 6% से 12% तक थी। यानी अब महंगाई दर पहले के मुकाबले स्थिर हो रही है और राज्यों में ज्यादा अंतर नहीं दिख रहा है।

महंगाई दर 4% के लक्ष्य की ओर

विशेष अध्ययन के अनुसार, राज्यों की महंगाई दर धीरे-धीरे 4% के लक्ष्य के करीब पहुंच रही है।

  • CPI (सामान्य महंगाई) और खाद्य महंगाई (CPI Food) दोनों में स्थिरता देखी जा रही है।
  • हालांकि, खाद्य महंगाई (खासकर सब्जियों की कीमतों) में उतार-चढ़ाव ज्यादा है, जिससे इसकी स्थिरता की रफ्तार धीमी बनी हुई है।

क्षेत्रीय स्तर पर दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा महंगाई

देशभर में महंगाई को समझने के लिए 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को छह क्षेत्रों (उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम, मध्य और पूर्वोत्तर) में बांटा गया।

  • दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा महंगाई दर्ज की गई। यहां 2012 से 2025 (फरवरी तक) की औसत वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) 6.0% रही।
  • पूर्वी भारत में यह 5.8% रही।
  • ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में दक्षिण भारत की महंगाई दर सबसे अधिक रही।
    • ग्रामीण इलाकों में: 6.1%
    • शहरी इलाकों में: 6.0%
First Published : March 20, 2025 | 11:22 AM IST