बैंकिंग व्यवस्था में नकदी की कमी बढ़कर 2.3 लाख करोड़ रुपये हो गई है। इसे देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने 7 दिन के वैरिएबल रेट रीपो (वीआरआर) नीलामी की घोषणा की है, जो शुक्रवार को होगी। इसके माध्यम से बैंकिंग व्यवस्था में 1.75 लाख करोड़ रुपये तक नकदी डाली जाएगी। केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा है कि नकदी की मौजूदा और आने वाली स्थिति की समीक्षा करने के बाद यह फैसला किया गया है।
सोमवार को बैंकिंग व्यवस्था में नकदी की कमी बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई। इसकी वजह अग्रिम कर जमा करना है। बाजार के हिस्सेदारों ने कहा कि बाद में जीएसटी भुगतान करने पर यह कमी बढ़कर 2.3 लाख करोड़ रुपये हो गई। चालू तिमाही में ज्यादातर नकदी की स्थिति घाटे वाली बनी रही है।
बाजार का अनुमान है कि अग्रिम कर और जीएसटी के भुगतान के कारण दिसंबर में बैंकिंग व्यवस्था से कुल करीब 4 लाख करोड़ रुपये नकदी निकलेगी।
एक सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, ‘सभी बैंकों की ओर से अनुरोध था कि और वीआरआर नीलामी कराई जाए, क्योंकि नकदी की स्थिति बहुत तंग है।’ उन्होंने कहा, ‘यह अंतिम वीआरआर नीलामी हो सकती है, लेकिन अगर और ज्यादा नीलामी नहीं होती है तो यह राशि बहुत ज्यादा नहीं होगी।’
6 महीने बाद रिजर्व बैंक ने 15 दिसंबर को वीआरआर नीलामी कराई थी। इसके तहत अधिसूचित राशि 1 लाख करोड़ रुपये थी, जिसके लिए रिजर्व बैंक को वीआरआर नीलामी में 2.7 लाख करोड़ रुपये की बोली हासिल हुई।
बैंकों ने यह राशि 6.63 फीसदी भारित औसत दर पर ली। इसके पहले आखिरी बार केंद्रीय बैंक ने 19 जून को वीआरआर नीलामी कराई थी। कॉल रेट और ट्राईपार्टी रीपो (ट्रेप्स) रेट बढ़े होने के बावजूद उल्लेखनीय मांग रही।
बाजार हिस्सेदारों ने अनुमान लगाया है कि माह के अंत तक नकदी का दबाव कम हो सकता है क्योंकि वैरिएबल रेट रिवर्स रीपो (वीआरआरआर) में बदलाव होगा और सरकार का खर्च बढ़ेगा।
उन्होंने कहा, ‘इस वक्त वीआरआर नीलामी की जरूरत है क्योंकि हमें अभी किसी अन्य स्रोत से नकदी आती नहीं दिख रही है।’