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बिजली उत्पादन में कमी, कार्यस्थलों पर जाने वालों की बढ़ी तादाद

Last Updated- December 12, 2022 | 2:33 AM IST

कोरोनावायरस संक्रमण के मामले फिर बढऩे से महामारी की तीसरी लहर आने की आशंका और तेज हो रही है। ऐसे में आर्थिक गतिविधियों के साप्ताहिक संकेतकों की रफ्तार धीमी हुई है। साल 2019 की तुलना में बिजली उत्पादन में बढ़त दिख रही है लेकिन साप्ताहिक आधार पर मांग कम हुई है। रेलवे के माल ढुलाई के आंकड़ों में भी समान रुझान दिख रहे हैं। हालांकि लोगों की आवाजाही में लगातार बढ़ोतरी है। दूसरे संकेतकों जैसे यातायात और उत्सर्जन में भी सुधार के रुझान हैं लेकिन देश के कुछ ही हिस्सों में ये सुधार दिख रहे हैं।

देश के अधिकांश हिस्से में मॉनसून की अच्छी बारिश होने की वजह से सिंचाई आदि के लिए बिजली की मांग में कमी आई और अब बिजली उत्पादन साप्ताहिक आधार पर कम हुआ है। महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों में खरीदारी के समय पर प्रतिबंध लगने की वजह से भी बिजली की मांग में कमी आई है। रविवार, 19 जुलाई को खत्म हुए सप्ताह में सात दिनों के रोलिंग औसत आधार पर देश में 415.8 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ। हालांकि इससे पहले हफ्ते के मुकाबले 6 फीसदी की कमी दिखी। ताजा हफ्ते के आंकड़े में 2019 की समान अवधि के मुकाबले 8.3 फीसदी और 2020 की समान अवधि के मुकाबले 10.8 फीसदी की बढ़त दिखी। साल 2019 के आंकड़े तुलना के लिए जाते हैं क्योंकि इसी साल कोविड-19 भारत में फैला। 

ज्यादा लोगों के कार्यस्थल पर जाने की वजह से साप्ताहिक आधार पर सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल में बढ़ोतरी से लोगों की निजी तौर पर आवाजाही बढ़ी है। हालांकि कुल आवाजाही 2019 के स्तर से नीचे ही है। कार्यस्थलों पर जाने वालों की तादाद करीब 79 फीसदी तक सामान्य हो गई है। यह सर्च इंजन गूगल के मोबिलिटी डेटा पर आधारित है जो अनाम लोकेशन डेटा के आधार पर लोगों की आवाजाही का जायजा लेता है। ताजा आंकड़े 14 जुलाई के हैं। किराना की दुकानों पर खरीदारी और दवा की दुकानों पर जाने वालों की तादाद 21.4 फीसदी है जो सामान्य से अधिक है। खुदरा और मनोरंजन स्थलों पर जाने वालों की तादाद अब भी 24.4 फीसदी कम है जबकि पार्क जाने वालों की तादाद में 11.4 फीसदी तक की कमी है। वहीं सवारी की दर में भी औसतन 11.9 फीसदी की गिरावट है। साप्ताहिक आधार पर इन सभी आंकड़ों में सुधार है। 

बड़े शहरों में यातायात बढ़ी है। नई दिल्ली में यातायात सामान्य स्तर के 73 फीसदी पर है जबकि मुंबई में 71 फीसदी के स्तर पर है। इस साल फरवरी के बाद से ये आंकड़े सबसे बेहतर हैं। यातायात से जुड़े आंकड़े वैश्विक लोकेशन तकनीक कंपनी टॉम टॉम इंटरनैशनल के आंकड़ों पर आधारित हैं। पिछले एक पखवाड़े में नई दिल्ली में यातायात में सुधार मुंबई की अपेक्षा बेहतर है।

पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले रविवार 18 जुलाई को खत्म हुए सप्ताह के दौरान भारतीय रेल ने टन के आधार पर 20.4 फीसदी ज्यादा माल ढुलाई की। माल ढुलाई से होने वाली कमाई 23.8 फीसदी अधिक रही। हालांकि पिछले हफ्ते के मुकाबले दोनों आंकड़े कम हैं। 

बिज़नेस स्टैंडर्ड नाइट्रोजन डाइऑक्साइड गैस उत्सर्जन के आंकड़ों पर भी नजर रखता है। इसका उत्सर्जन औद्योगिक गतिविधियों और वाहनों की वजह से होता है। साल 2020 में लॉकडाउन लगाए जाने की वजह से इसके स्तर में गिरावट दिखी। दिल्ली में उत्सर्जन सात दिनों के रोलिंग औसत आधार पर 2019 के स्तर के मुकाबले पिछले हफ्ते 14 फीसदी कम रहा। हालांकि 2019 के समान हफ्ते के मुकाबले ताजा हफ्ते में मुंबई में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन 39.1 फीसदी अधिक रहा जिससे वाहनों की ज्यादा तादाद और औद्योगिक गतिविधि का संकेत मिलता है। बिज़नेस स्टैंडर्ड अर्थव्यवस्था की स्थिति का जायजा लेने के लिए इन साप्ताहिक संकेतकों पर नजर रखता है। वृहद अर्थव्यवस्था के आंकड़े एक अंतराल के बाद जारी होते हैं। वैश्विक स्तर पर भी विश्लेषक समान तरह के संकेतकों पर नजर रख रहे हैं क्योंकि कोविड-19 पर नियंत्रण करने के लिए इन देशों में भी लॉकडाउन लगाया गया था।

First Published - July 20, 2021 | 11:40 PM IST

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