तत्काल भुगतान व्यवस्था यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) से लेन-देन के मामले में अगस्त में भारत ने इतिहास बनाया है। पहली बार यूपीआई से लेन-देन 10 अरब के आंकड़े को पार कर गया है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) की ओर से जारी 30 अगस्त तक के उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक लेन देन की संख्या 10.241 अरब रही है।
वहीं मूल्य के हिसाब से यूपीआई से लेन-देन 15.18 लाख करोड़ रुपये है, जो पहले ही इस साल जुलाई में 15.34 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड बना चुका है।
वर्ल्डलाइन इंडिया में रणनीति, नवोन्मेष और विश्लेषण के प्रमुख और वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुनील रोंगला ने कहा, ’10 अरब के रिकॉर्ड पर पहुंचने के बावजूद यूपीआई से लेन-देन बढ़ने की अभी संभावना है। आंकड़ों से पता चलता है कि यूपीआई पी2एम लेन-देन पिछले साल की तुलना में 100 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा है और यह पी2पी लेन देन की तुलना में इसकी हिस्सेदारी ज्यादा है।
समय बीतने के साथ पी2एम लेन-देन यूपीआई लेन-देन में प्रमुख होगा और इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा अगर यूपीआई से लेन-देन 18 से 23 महीने में 20 अरब के आंकड़े को छू जाए।’
अगस्त 2023 में इमीडिएट पेमेंट सर्विस (आईएमपीएस) से लेन-देन 30 अगस्त तक 47.3 करोड़ रहा जिसका मूल्य 4.93 लाख करोड़ रुपये है। इसकी तुलना में जुलाई में 49 करोड़ और जून में 46.81 करोड़ लेन-देन हुआ। यह जुलाई में मूल्य के हिसाब से क्रमशः 5.12 लाख करोड़ रुपये है, जो जून के 5 लाख करोड़ रुपये से 2.4 प्रतिशत अधिक है।