अर्थव्यवस्था

90 रुपये पर पहुंचने ही वाला था डॉलर! RBI के दखल से हुआ सुधार

डॉलर के मुकाबले रुपये में सोमवार को हल्की रिकवरी; विशेषज्ञ बोले - 90 के स्तर से रोकने में आरबीआई सफल, लेकिन मजबूत डॉलर और व्यापार वार्ता में देरी से दबाव जारी।

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- November 25, 2025 | 8:54 AM IST

डॉलर के मुकाबले रुपये में सोमवार को कुछ सुधार हुआ। उसे डॉलर बिक्री के जरिये विदेशी मुद्रा बाज़ार में भारतीय रिजर्व बैंक के आक्रामक हस्तक्षेप से सहारा मिला। शुक्रवार को रुपये के 89.50 प्रति डॉलर का स्तर पार करने के बाद (जिसके 90 प्रति डॉलर तक गिरने की आशंका थी) केंद्रीय बैंक ने बिना डिलिवरी वाले फॉरवर्ड और हाजिर बाजार दोनों में हस्तक्षेप किया ताकि गिरावट का दबाव कम किया जा सके।

डॉलर के मुकाबले स्थानीय मुद्रा 89.24 पर टिकी। एक दिन पहले इसका बंद स्तर 89.48 रहा था। आईएफए ग्लोबल के संस्थापक व सीईओ अभिषेक गोयनका ने कहा, सोमवार सुबह रुपया सुधरकर 89.06 की ओर आ गया, जिसे हाजिर व एनडीएफ बाजार में सही समय पर आरबीआई के हस्तक्षेप से सहारा मिला। इस दखल से रुपये को मनोवैज्ञानिक रूप से संवेदनशील 90 की ओर जाने से को रोकने में मदद मिली।

उन्होंने कहा, तथापि अंतर्निहित दबाव बरकरार हैं। मजबूत अमेरिकी डॉलर और अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता में शीघ्र कामयाबी की घटती उम्मीदें धारणा पर दबाव बनाए हुए हैं। हालांकि आरबीआई की उपस्थिति ने बाजार को स्थिर रखने में मदद की है, लेकिन व्यापक दिशा अभी भी नए उत्प्रेरकों पर निर्भर है। आरईईआर के दृष्टिकोण से रुपये का मूल्यांकन कम है, लेकिन निकट भविष्य की दिशा केवल बुनियादी बातों से नहीं बल्कि व्यापार-करार के मोर्चे पर होने वाले घटनाक्रमों से ज्यादा प्रभावित होगी।

शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 0.9 फीसदी गिर गया था जो इस साल की दूसरी सबसे बड़ी गिरावट थी। बहुप्रतीक्षित व्यापार समझौते में देरी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती करने की उम्मीदें घटने के कारण यह गिरावट और बढ़ गई। डॉलर की घबराहट भरी खरीदारी के बीच केंद्रीय बैंक के मुद्रा के बचाव में कोई कदम न उठाने से गिरावट में और इजाफा हुआ।

इस साल रुपया सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली एशियाई मुद्रा रही है जो डॉलर के मुकाबले 4.22 फीसदी टूट चुकी है। इस क्षेत्र की कुछ मुद्राएं जैसे ताइवान डॉलर, थाई भट और मलेशियाई रिंगिट 2025 में डॉलर के मुकाबले मजबूत हुई हैं। फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी प्रमुख और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा, डॉलर इंडेक्स के 100 के स्तर से ऊपर बने रहने से भी बाजार डॉलर में खरीदारी के मूड में रहा, जबकि एशियाई मुद्राएं सीमित दायरे में रहीं।

First Published : November 25, 2025 | 8:54 AM IST