भारत का केंद्रीय बैंक वित्तीय सेवाओं को क्लाउड डेटा स्टोरेज की सेवा मुहैया कराने के लिए 2025 में प्रायोगिक कार्यक्रम शुरू करेगा। यह जानकारी सूत्रों ने दी। दो सूत्रों ने बताया, ‘भारतीय रिजर्व बैंक के प्रस्तावित क्लाउड प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल घरेलू आईटी कंपनियां करेंगी। रिजर्व बैंक ने यह पहल अमेजॉन वेब सर्विसिज, माइक्रोसॉफ्ट एज्योर, गूगल क्लाउड और आईबीएम के क्लाउड को टक्कर देने के लिए की है।
यह एक वैश्विक केंद्रीय बैंक की अपनी तरह की पहली पहल है। एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत में क्लाउड सेवा का तेजी का बाजार तेजी से उभर रहा है। इंटरनैशनल डेटा कॉरपोरेशन के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था में क्लाउड सेवा का मार्केट 2023 तक 8.3 अरब डॉलर था और इसके 2028 तक बढ़कर 24.2 अरब डॉलर होने का अनुमान है। हालांकि भारत के क्लाउड बाजार पर वैश्विक दिग्गजों का कब्जा है।
सूत्रों के अनुसार यह प्रायोगिक कार्यक्रम अगले कुछ महीनों में छोटे चरण में शुरू होगा। इसका आने वाले वर्षों में विस्तार किया जाएगा। यह कार्यक्रम छोटे बैंकों और वित्तीय सेवाओं कंपनियों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा जिनके लिए अभी क्लाउड सेवा पहुंच के बाहर है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बीते साल दिसंबर में वित्तीय सेवाओं के उद्योग के लिए पब्लिक क्लाउड की योजना की घोषणा की थी।