अर्थव्यवस्था

रुपये को और भी गिरने से रिजर्व बैंक ने बचाया : BIS रिपोर्ट

बाजार हिस्सेदारों का अनुमान है कि RBI लगातार नॉन डेलिवरेबल फॉरवर्ड मार्केट में हस्तक्षेप कर रहा है, जिससे हाजिर सत्र में रुपये की शुरुआत को प्रभावित किया जा सकता है।

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- October 19, 2023 | 11:09 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक ने विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप कर रुपये को नए निचले स्तर पर पहुंचने से बचा लिया। अमेरिकी ट्रेजरी का प्रतिफल बढ़ने से रुपये में गिरावट आ रही थी।

भारतीय रुपया पूरे दिन 83.25 से 83.28 रुपये प्रति डॉलर बीच घूमता रहा। आखिरकार यह 83.24 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। बुधवार को यह 83.25 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

बाजार हिस्सेदारों ने अनुमान लगाया है कि केंद्रीय बैंक लगातार नॉन डेलिवरेबल फॉरवर्ड मार्केट में हस्तक्षेप कर रहा है, जिससे हाजिर सत्र में रुपये की शुरुआत को प्रभावित किया जा सके।

अमेरिकी ट्रेजरी के मानक 10 साल के बॉन्ड का प्रतिफल बढ़कर 4.96 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो एक दिन में 16 साल का उच्चतम स्तर है। कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड में करेंसी डेरिवेटिव्स ऐंड इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव्स के वीपी अनिंद्य बनर्जी ने कहा, ‘रिजर्व बैंक बाजार में था, उन्होंने संभवतः करीब 20 से 30 करोड़ डॉलर बेचे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘रिजर्व बैंक सभी बाजारों में मौजूद है। कम अवधि के हिसाब से हम उम्मीद कर रहे हैं कि मौजूदा सीमा बरकरार रहेगी और हाजिर में कारोबार 83 से 83.50 के बीच होगा।’

डीलरों ने कहा कि वहीं दूसरी ओर सरकार के 10 साल के मानक बॉन्ड का प्रतिफल 2 आधार अंक बढ़कर 7.37 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बंद हुआ, जो अमेरिकी ट्रेजरी के प्रतिफल के साथ चल रहा है। बेंचमार्क प्रतिफल दिन के उच्च स्तर 7.38 प्रतिशत पर पहुंच गया। यह बुधवार को 7.35 प्रतिशत पर बंद हुआ था।

बाजार के हिस्सेदारों ने कहा दिन के दौरान ओवरनाइट इंडेक्स्ड स्वैप रेट में गिरावट के कारण प्रतिफल में बढ़ोतरी नहीं हुई। डीलरों ने कहा कि ट्रेडर्स को को 5 साल के सेग्मेंट में 6.84 प्रतिशत की निश्चित दर प्राप्त हुई। 5 साल की ओआईएस दर 6.84 प्रतिशत पर खुली, जो अमेरिकी ट्रेजरी के प्रतिफल के मुताबिक चल रही थी। बहरहाल यह गुरुवार को 6.80 प्रतिशत पर बंद हुआ। बुधवार को यह 6.76 प्रतिशत पर बंद हुआ था। एक प्राथमिक डीलरशिप के डीलर ने कहा, ‘अमेरिकी प्रतिफल को देखते हुए सुबह तेजी के साथ प्रतिफल खुले, लेकिन उसके बाद तकनीकी स्तर पर ओआईएस बाजार में निश्चित दरें प्राप्त हुईं, जिसका असर बॉन्ड प्रतिफल पर पड़ा।’

डीलरों ने कहा कि साथ ही बीमा कंपनियों ने 14 साल के सरकार के बॉन्डों की खरीदारी के लिए कदम उठाए, जिससे हानि सीमित हुई।

बाजार हिस्सेदारों को उम्मीद है कि रिजर्व बैंक ओपन मार्केट ऑपरेशन (ओएमओ) बिक्री पर अक्टूबर के अंत तक अधिसूचना जारी करेगा।

First Published : October 19, 2023 | 11:09 PM IST