facebookmetapixel
इन्फोपार्क से मिलेगी केरल के प्रगति पथ को और रफ्तारGVK के उत्तराधिकारी को एआई कॉल असिस्टेंट इक्वल से उम्मीद4 में से 3 नई कंपनियों की शेयर बाजार में हुई खराब शुरुआतक्रिकेट स्पॉन्सर​शिप के मैदान में अपोलो टायर्स का बड़ा दांव, बढ़ेगा विज्ञापन खर्चई-दोपहिया का पंजीकरण पहली छमाही में 18% बढ़ाटैक्स से लेकर जीडीपी तक: बेहतर कलेक्शन वाले देशों से भारत क्या सीख सकता है?IMD Report: विदा हुआ मॉनसून, 8% ज्यादा हुई बारिशअमेरिकी शुल्क और एच-1बी वीजा के चलते आईटी क्षेत्र पर दबावदेश में आत्महत्या से दिहाड़ी मजदूर सबसे ज्यादा प्रभावित, 5 साल में 45% बढ़े मामलेH-1B वीजा पाबंदी के बाद अमेरिकी कंपनियां भारत में बढ़ाएंगी निवेश, GCC केंद्रों को मिलेगा विस्तार

फरवरी में रिजर्व बैंक का डॉलर बेचने से परहेज

आरबीआई ने जनवरी में हाजिर बाजार में 8.5 अरब डॉलर की बिक्री की थी।

Last Updated- April 23, 2024 | 11:30 PM IST
RBI

भारतीय रिजर्व बैंक ने नौ महीनों के दौरान पहली बार फरवरी में कोई डॉलर नहीं बेचा था। दरअसल, यूएस फेडरल रिजर्व की दर में कटौती की अटकलों के कारण रुपया दबाव में आ गया। इससे पहले आरबीआई ने मई 2023 के महीने में एक भी डॉलर नहीं बेचा था। आरबीआई ने जनवरी में हाजिर बाजार में 8.5 अरब डॉलर की बिक्री की थी।

केंद्रीय बैंक ने फरवरी के महीने तक 8.5 अरब डॉलर की खरीदारी की थी ताकि विदेशी मु्द्रा भंडार बनाकर रुपये की अवमूल्यन से रक्षा कर सके। बाजार के साझेदारों के अनुसार अमेरिका के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़े उम्मीद से ज्यादा आने के कारण रुपये के अवमूल्यन की आशंका जताई जा रही थी।

बीते सात सप्ताहों के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार नए स्तर पर पहुंच गया था। भारतीय रिजर्व बैंक के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार 5 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार नए उच्च स्तर 648.56 अरब डॉलर के नए स्तर पर पहुंच गया था।

एक निजी बैंक के ट्रेजरी प्रमुख ने कहा, ‘रुपये में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए आरबीआई हाजिर और वायदा कारोबार के जरिये विदेशी विनिमय मार्केट में हस्तक्षेप कर रहा था।’ उन्होंने बताया, ‘आंकड़े समर्थक नहीं होने के कारण डॉलर मजबूत हो रहा था और ब्याज दरों में कटौती को जून तक ले जाया गया।’

फरवरी में रुपये में 0.6 प्रतिशत की गिरावट आई। अमेरिका के जनवरी के महंगाई के आंकड़े जारी होने से पहले मार्च में ब्याज दरों में पहली कटौती होने की उम्मीद थी लेकिन इसे बाद में इसे जून तक बढ़ा दिया गया। हालिया समय में बड़े स्तर पर उम्मीद से परे प्रतिकूल आंकड़े जारी हुए थे।

मार्केट को उम्मीद है कि यूएस फेडरल रिजर्व हालिया कैलेंडर वर्ष की दूसरी छमाही से ब्याज दरों में कटौती शुरू करेगा। हालांकि मार्केट के तबके का अनुमान है कि दिसंबर में केवल एक प्रतिशत कटौती होने की उम्मीद है।

एक अन्य निजी बैंक के ट्रेजरी प्रमुख ने बताया, ‘यह हस्तक्षेप विदेशी मुद्रा भंडार की बजाये रुपये का दायरा तय करने के लिए किया गया था।’ उन्होंने बताया, ‘रुपया केवल अप्रैल में गिरा और यह फरवरी व मार्च में सीमित दायरे में था।’

केंद्रीय बैंक रुपये के वायदा बाजार में शुद्ध खरीदार रहा था। फरवरी के अंत तक शुद्ध वायदा खरीदारी 9.6 अरब डॉलर थी जबकि यह फरवरी में 9.9 अरब डॉलर थी।

First Published - April 23, 2024 | 11:30 PM IST

संबंधित पोस्ट