अर्थव्यवस्था

NTPC ग्रीन समेत कुछ और CPSEs की लिस्टिंग की तैयारी, सरकार ने FY25 में 65,000 करोड़ रुपये के डिविडेंड का लक्ष्य रखा

एनटीपीसी ग्रीन नवंबर 2024 तक आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये 10,000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है।

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हर्ष कुमार   
Last Updated- October 28, 2024 | 10:12 AM IST

सरकार चालू वित्त वर्ष में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों (सीपीएसई) की कुछ और सहायक इकाइयां सूचीबद्ध कराने की तरफ कदम बढ़ा रही है। इन उद्यमों में एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड, एसजीवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) और एनएलसी इंडिया ग्रीन एनर्जी लिमिटेड सहित अन्य सीपीएसई शामिल हैं। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।

अधिकारी ने कहा, ‘हम एनटीपीसी, एसजीवीएन और एनएलसी सहित सीपीएसई की हरित इकाइयों को सूचीबद्ध कराने पर विचार कर रहे हैं। इससे ये कंपनियां अधिक पेशेवर ढंग से करने और अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित होंगी।‘

एनटीपीसी ग्रीन नवंबर 2024 तक आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये 10,000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। कंपनी इनमें से 7,500 करोड़ रुपये का इस्तेमाल ऋण समय से पहले चुकाने और शेष बची रकम कंपनी के सामान्य कार्यों के लिए करेगी। एनटीपीसी ग्रीन वित्त वर्ष 2027 तक कम से कम 15 गीगावॉट क्षमता हासिल करना चाहती है जिनमें सौर ऊर्जा की 85 प्रतिशत और शेष पवन ऊर्जा की हिस्सेदारी होगी।

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025 में सीपीएसई से 56,260 करोड़ रुपये लाभांश हासिल करने का लक्ष्य रखा है मगर एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार इसे लगभग 65,000 करोड़ रुपये तक मिल सकते हैं।

इनमें राष्ट्रीयकृत बैंक एवं वित्तीय संस्थानों से मिलने वाला लाभांश शामिल नहीं है। केंद्र को 21 अक्टूबर तक सीपीएसई एवं अन्य निवेश से 28,913 करोड़ रुपये रकम हासिल हुई थी। यह रकम वित्त वर्ष 2025 के बजट अनुमान का 50 प्रतिशत से अधिक है।

अधिकारी ने कहा, ‘आईपीओ से जुटाई गई रकम ग्रीन हाइड्रोजन और ऊर्जा भंडारण तकनीक सहित एनजीईएल की हरित एवं अन्य नवीकरणीय योजनाओं में लगाई जाएगी।‘ एसजीईएल के पास तैयार करने के लिए फिलहाल लगभग 3.6 गीगावॉट परिसंपत्तियां हैं, जिनकी शुरुआत अगले दो वर्षों में होने की उम्मीद है।

वित्त वर्ष 2025 में कंपनी पूंजीगत व्यय पर 20,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी, जिनमें 15,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि का उपयोग एसजीईल के जरिये नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ाने में होगा। अधिकारी ने कहा, ‘ऊर्जा के परंपरागत या हरित स्रोतों पर केंद्रित ऊर्जा कंपनियां अतिरिक्त हरित ऊर्जा खंडों में उतर रही हैं। इनमें पवन, सौर और हाइड्रोजन शामिल हैं।‘

सरकार वित्त वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य हासिल करना चाहती है। इस साल 30 सितंबर तक कुल 389 सीपीएसई एवं उनकी सहायक इकाइयों में केवल 70 ही सूचीबद्ध हैं। इनमें 13 महारत्न, 25 नवरत्न, 51 मिनीरत्न 1 और 11 मिनीरत्न 2 हैं।

First Published : October 28, 2024 | 10:12 AM IST