करीब छह महीने के अंतराल के बाद देश के औद्योगिक उत्पादन में सितंबर माह के दौरान सकारात्मक रुख दिखा है। खनन और बिजली उत्पादन क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से सितंबर महीने में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 0.2 फीसदी वृद्धि रही। आईआईपी में करीब 77 फीसदी भारांश वाले विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन भी थोड़ा सुधरा है लेकिन यह गिरावट के दौर से पूरी तरह उबर नहीं पाया है। सितंबर में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में 0.6 फीसदी की गिरावट रही। हालांकि खनन में 1.4 फीसदी और बिजली के उत्पादन में 4.9 फीसदी की वृद्घि हुई है।
आईआईपी के पिछले साल सितंबर के आंकड़े को यदि देखा जाए तो इसमें 4.6 फीसदी की गिरावट आई थी। इस साल फरवरी में इसमें 5.2 फीसदी की वृद्घि आई थी लेकिन उसके बाद महामारी और लॉकडाउन की वजह से इसमें लगातार गिरावट का रुख बना हुआ
था। मार्च में आईआईपी 18.7 फीसदी और अप्रैल में 57.3 फीसदी घटा था।
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने कहा कि लॉकडाउन से जुड़ी पाबंदियों में ढील के साथ आर्थिक गतिविधियों में अपेक्षाकृत सुधार हुआ है। इसके साथ आंकड़ा संग्रह की स्थिति भी बेहतर हुई है।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद के महीनों के आईआईपी आंकड़ों की तुलना महामारी वाले महीनों से करना उपयुक्त नहीं है।
निवेश का पैमाना माने जाने वाला पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन सितंबर में 3.3 फीसदी घटा है। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स का उत्पादन 2.8 फीसदी बढ़ा है जबकि सितंबर 2019 में इसमें 10.5 फीसदी की गिरावट आई थी।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल- सितंबर के दौरान आईआईपी में 21.1 फीसदी की कमी आई है। पिछले वित्त की समान अवधि में यह 1.3 फीसदी बढ़ा था।
