पैकेजिंग का डब्बा गुल, सरकार से आस

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 8:41 AM IST

अमेरिका से शुरू हुई मंदी की आंधी ने भारत के छोटे-बड़े सभी कारोबारियों को झकझोर कर रख दिया है। पैकेजिंग का कारोबार करने वाले सत्या इंडस्ट्रीज के मालिक पंकज गुप्ता भी इससे अछूते नहीं रहे।


उनका कहना है कि मंदी की वजह से मांग कम हो गई है, जिससे 1 करोड़ रुपये सालाना कारोबार करने वाली उनकी कंपनी की बिक्री 50 फीसदी घट गई है।

गुप्ता ने बताया कि मंदी और छंटनी की वजह ऑटोमोबाइल, फार्मा और निर्यातक इकाइयों को मांग में कमी की समस्या झेलनी पड़ रही है।

इसकी वजह से पैकेजिंग उद्योग पर भी असर पड़ा है। गुप्ता ने बताया कि मांग में कमी की वजह से कंपनी को उत्पादन में भी कटौती करनी पड़ी है। पहले जहां दो शिफ्टों में काम होता था, वहीं अब केवल एक शिफ्ट में काम हो रहा है।

उल्लेखनीय है कि पंकज गुप्ता ने 1987 में देहरादून में पॉलिमर आधारित पैकेजिंग उद्योग ‘सत्या इंडस्ट्रीज’ की शुरुआत की थी। कुछ समय पहले तक तो उनका कारोबार खूब फल-फूल रहा था,

लेकिन पॉलिमर की कीमत में 7 रुपये प्रति किलो का इजाफा होने और साथ ही उत्पादों की मांग में कमी की वजह से उन्हें खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

गुप्ता का कहना है कि कच्चे माल की कीमतों में इजाफा और मंदी की वजह से संकट झेल रहे पैकेजिंग उद्योग की मदद के लिए सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है।

इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष और सत्या इंडस्ट्रीज के मालिक पंकज गुप्ता कहते हैं कि सरकार को बड़े उद्योगों की तरह ही छोटे उद्योगों को भी मदद करनी चाहिए।

गुप्ता ने बताया कि उत्तराखंड सरकार की ओर से उद्योग स्थापित करने में दी जा रही कई छूट की वजह से राज्य में टाटा मोटर्स और हीरो होंडा जैसी नामी-गिरामी कंपनियों ने अपने संयंत्र स्थापित किए। इसकी वजह से पैकेजिंग उद्योगों की भी मांग बढ़ी और साथ ही उनका मुनाफा भी बढ़ा।

लेकिन जब ऑटोमोबाइल कंपनियां ही संकट से जूझ रही हैं, तो पैकेजिंग उद्योग पर संकट आना लाजिमी है।

गुप्ता का कहना है कि पिछले दो-तीन सालों तक पैकेजिंग उद्योग काफी तेजी से विकास कर रहा था, लेकिन इस साल मंदी की वजह से यह पूरी तरह चरमरा गया है।

उन्होंने बताया कि संकट की घड़ी में बैंकों की ओर से भी कर्ज मिलने में समस्या आ रही है, वहीं ब्याज की दरें भी काफी बढ़ गई है।

उनका कहना है कि बैंकों को अपनी ब्याज दरें 2 से 3 फीसदी की कटौती करनी चाहिए। इसके साथ ही राज्य सरकार को भी इस क्षेत्र की मदद के लिए आगे आना चाहिए।

वाहन, फार्मा आदि कंपनियों की बिक्री घटने से पैकेजिंग उद्योग पर भी पड़ा असर

मंदी की वजह से कंपनी की बिक्री में 50 फीसदी की गिरावट

First Published : December 10, 2008 | 11:38 PM IST