31 जुलाई के बाद भुगतानों के लिए ब्याज देयता पर करदाताओं को कोई राहत नहीं

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 1:07 AM IST

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस साल विभिन्न कर रिटर्नों को भरने की समय सीमा को बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया है लेकिन वह 31 जुलाई की मूल समय सीमा के बाद भरे जाने वाले रिटर्नों पर लगने वाले ब्याज की वसूली जारी रखेगा।
कर अधिकारियों का मानना है कि कर भुगतान नेट बैंकिंग के जरिये किया जाना है और इसके लिए करदाता को ई-फाइलिंग पोर्टल के इस्तेमाल की जरूरत नहीं है, जिसमें दिक्कत आ रही है। लिहाजा 31 जुलाई के बाद रिटर्न भरने वाले करदाताओं को बकाये कर पर हर महीने 1 फीसदी की ब्याज भुगतान देनदारी का वहन करना होगा।      

सीबीडीटी ने यह स्पष्टïीकरण इस संदर्भ में दिया है कि उद्योग के साझेदार आकलन वर्ष 2021-22 के लिए ब्याज देनदारी पर राहत देने के लिए कानून में संशोधन करने की मांग कर रहे थे। 9 सितंबर के अपने परिपत्र में सीबीडीटी ने आईटीआर भरने और अन्य समय सीमाओं को आगे बढ़ाते हुए कहा, ‘तारीखों का विस्तार धारा 234ए पर लागू नहीं होगा जो आईटीआर भरने में देरी होने पर ब्याज भुगतान से संबंधित है।’
हालांकि, परिपत्र में कहा गया है कि 1 लाख रुपये से कम की स्व-आकलन कर देनदारी वाले छोटे करदाताओं और कुछ निश्चित वरिष्ठï नागरिकों को ब्याज से राहत प्रदान की जाती है।

तारीखों में ताजा विस्तार नए कर फाइलिंग पोर्टल में आ रही तकनीकी खामियों को ध्यान में रखते हुए दिया गया है। इस पोर्टल का प्रबंधन इन्फोसिस कर रही है जिसे सरकार और करदाताओं से बड़े पैमाने पर आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है। इन्फोसिस को 15 सितंबर तक पोर्टल को दुरुस्त करने के लिए कहा गया है। 
नांगिया एंडरसन के चेयरमैन राकेश नांगिया ने कहा, ‘आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख को आगे बढ़ाया गया है लेकिन करदाताओं को 234ए के तहत वसूले जाने वाले ब्याज से कोई राहत नहीं दी गई है।’    

नए आयकर पोर्टल पर जारी तकनीकी खामियों पर विचार करते हुए अनुपालन बाध्यता को पूरा करने में मुश्किल का सामना कर रहे करदाताओं को अत्यंत जरूरी राहत प्रदान की गई है। उन्होंने कहा, ‘हालांकि, समयसीमा में विस्तार दिए जाने के बावजूद ब्याज वसूल किया जाएगा। लिहाजा जितनी जल्दी हो सके आयकर रिटर्न दाखिल करने का प्रयास करना चाहिए ताकि और अधिक ब्याज का भुगतान नहीं करना पड़े।’
एक और विशेषज्ञ सराफ ऐंड पार्टनर्स में पार्टनर लोकेश शाह ने कहा कि करदाता फिलहाल समूची कर देनदारी जमा कराने पर विचार कर सकते हैं भले ही रिटर्न बढ़ी हुई तिथि के भीतर ही भरें, जिससे उनकी ब्याज देनदारी नहीं बढ़ेगी।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में इन्फोसिस के मुख्य कार्याधिकारी और प्रबंध निदेशक सलिल पारेख के साथ बैठक की थी। इसमें उन्होंने गहरी नाराजगी जताई थी और उन्हें ई-फाइलिंग पोर्टल को लेकर सरकार के साथ साथ करदाताओं की चिंता से अवगत कराया था।
बुधवार को वित्त मंत्री ने भरोसा दिलाया था कि दिक्कतों को सकारात्मक तरीके से दूर किया जा रहा है जिससे पोर्टल पर विभिन्न फाइलिंग के आंकड़ों ने सकारात्मक रुझान दर्शाया है। मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा कि मंगलवार तक 8.83 करोड़ से अधिक करदाताओं ने लॉग इन किया। सितंबर में रोजाना औसतन 15.5 लाख से अधिक करदाता पोर्टल लॉग इन कर रहे हैं।

सितंबर में दाखिल किए जाने वाले आईटीआर की संख्या बढ़कर रोजाना 3,20,000 हो गई है। आकलन वर्ष 2021-22 के लिए 1.19 करोड़ आईटीआर दाखिल किए जा चुके हैं।इनमें से 76.2 लाख से अधिक करदाताओं ने रिटर्न दाखिल करने के लिए पोर्टल की ऑनलाइन माध्यम का इस्तेमाल किया है।

First Published : September 13, 2021 | 12:26 AM IST