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नई खोज होगी अब देसी मिल्कियत

Last Updated- December 05, 2022 | 4:34 PM IST

इस दिशा में कदम उठाते हुए पहले-पहल राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने सरकार से सिफारिश की कि देश में अनुसंधान को गति देने के लिए संस्थानों को प्रोत्साहन देना जरूरी है।


इसकेलिए सरकार को इन्हें सहयोग, लाइसेंस और व्यवसाय केमोर्चे पर समर्थन देना चाहिए। अमेरिका के विश्वविद्यालयों में होने वाले पेटेंट को कई गुना तक बढा देनेवाले 1980 के बे-डोल अधिनियम की तर्ज पर यहां भी यह कदम उठाया जा रहा है।


बे-डोल एक्ट के लागू होने केपहले अमेरिका की संघीय एजेंसियों के पास 28 हजार पेटेंट का अधिकार था पर उद्योगों को इनमें से केवल 5 फीसदी पेटेंटों के विकास के लिए ही लाइसेंस दिया जा सका था। प्रस्तावित विधेयक विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों को उनके नाम से पेटेंट दाखिल करवाने में मदद करेगा ।


साथ ही, यह उन्हें इन पेटेंटों के व्यावसायिक विकास में भी मदद करेगा। यह विधेयक रॉयल्टी या मुनाफे का अनुसंधान कार्यों में इस्तेमाल करने की अनुमति भी संबंधित संस्थानों को देगा। राष्ट्रीय ज्ञान आयोग से जुड़े एक प्रोफेसर के मुताबिक, पेटेंट का मालिकाना हक विश्वविद्यालयों को देने और इसे पेटेंट व्यवस्था से जोड़ने की पहल देश में अनुसंधान कार्यों को और आकर्षक बना देगी।

First Published - March 16, 2008 | 10:48 PM IST

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