Cabinet Decisions: MSP for Kharif crops
Cabinet Decisions: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा की। यह फैसला 2025-26 की मार्केटिंग सीजन के लिए लिया गया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि धान की MSP को 69 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाकर अब 2,369 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
सरकार ने बताया कि यह बढ़ोतरी 2018-19 के केंद्रीय बजट में की गई उस घोषणा के अनुसार है, जिसमें कहा गया था कि MSP, फसलों की उत्पादन लागत से कम से कम 1.5 गुना ज्यादा तय की जाएगी। इस बार किसानों को सबसे ज्यादा लाभ बाजरा (63% मुनाफा) में मिलेगा, उसके बाद मक्का (59%), अरहर यानी तूर (59%) और उड़द (53%) का नंबर है। बाकी फसलों में MSP के मुकाबले किसानों को उत्पादन लागत पर 50% का लाभ मिलेगा।
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2014-15 से 2024-25 के बीच खरीफ फसल उगाने वाले किसानों को कुल 16.35 लाख करोड़ रुपए का MSP भुगतान किया गया, जबकि 2004-05 से 2013-14 के बीच यह आंकड़ा सिर्फ 4.75 लाख करोड़ रुपए था। यानी पिछले 10 सालों में किसानों को MSP के रूप में लगभग चार गुना ज्यादा भुगतान हुआ है।
हालांकि एमएसपी में बढ़ोतरी किसानों के लिए राहत लेकर आई है, लेकिन इस बार का मानसून चिंता का कारण बनता जा रहा है। सामान्य से पहले शुरू हुई बारिश ने खेत की तैयारी में मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। आमतौर पर किसान खेत जोतने और बोने के लिए 15–20 दिन का सूखा मौसम चाहते हैं, लेकिन इस साल मई की शुरुआत से ही प्री-मानसून बारिश लगातार हो रही है। इससे मिट्टी ज़्यादा भीग गई है और ट्रैक्टर से खेत तैयार करना मुश्किल हो गया है।
मौसम विशेषज्ञों ने पहले ही आगाह किया था कि मानसून का जल्दी आना अच्छा संकेत है, लेकिन असली फायदा तभी होगा जब बारिश पूरे देश में एक समान और नियमित रूप से फैले। अगर मानसून जुलाई के मध्य तक मध्य और उत्तर भारत में सही ढंग से फैल गया, तो इस बार खेती अच्छी हो सकती है। इससे ना सिर्फ खाद्य महंगाई पर लगाम लगेगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।