ग्रामीण भारत में रोजमर्रा के इस्तेमाल वाली वस्तुओं (एफएमसीजी) की मूल्य के लिहाज से मांग अगस्त में 6.7 फीसदी बढ़ गई। जबकि शहरी क्षेत्रों में मूल्य आधारित मांग जुलाई के मुकाबले 5.5 फीसदी अधिक रही। बिजोम के आंकड़ों के अनुसार, देश के अधिकतर हिस्सों में मॉनसून के सामान्य और सामान्य से बेहतर रहने के कारण ग्रामीण बाजारों में खपत बढ़ी है। अगस्त में मूल्य के लिहाज से एफएमसीजी की कुल वृद्धि इससे पिछले महीने के मुकाबले 6.3 फीसदी रही।
बिजोम के प्रमुख (ग्रोथ ऐंड इनसाइट्स) अक्षय डिसूजा ने कहा, ‘उत्तर और पूर्वोत्तर भारत को छोड़कर देश के शेष हिस्सों में मॉनसून सामान्य एवं सामान्य से बेहतर रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘महंगाई में नरमी और त्योहारी सीजन के साथ हम देख रहे हैं कि उपभोक्ता विवेकाधीन उत्पादों पर खर्च बढ़ा रहे हैं क्योंकि हमें सामाजिक कार्यक्रमों में वृद्धि दिख रही है।’ बिजोम के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में प्रमुख बड़े शहरों में सकल मूल्य वृद्धि जुलाई के मुाकबले 5.4 फीसदी रही। टियर-2 शहरों में यह आंकड़ा 5.5 फीसदी और टियर-3 शहरों में 6 फीसदी रहा।
पारले प्रोडक्ट्स के श्रेणी प्रमुख मयंक शाह ने कहा, ‘चार से पांच महीने पहले रबी फसल की कटाई के दौरान किसानों को गेहूं एवं अन्य कृषि उत्पादों की बिक्री से अच्छी कमाई हुई थी। उस समय सरकार ने निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगाया था। कटाई के सीजन के बाद निर्यात पर पाबंदी लगाई गई थी और तब तक अधिकतर किसान बिक्री कर चुके थे।’ शाह ने कहा कि रबी फसल से अच्छी कमाई के अलावा बिहार एवं उत्तर प्रदेश को छोड़कर देश के अन्य हिस्सों में मॉनसून वास्तव में अच्छा और संतोषजनक रहा है। मॉनसून के सामान्य एवं सामान्य से बेहतर रहने की उम्मीद से मांग में तेजी आई है। इसलिए वित्त वर्ष 2023 के शेष हिस्सों में मांग जबरदस्त रहने की उम्मीद है।
डिसूजा ने कहा कि अगस्त में हुई एफएमसीजी की बिक्री से उद्योग में पुनरुद्धार के संकेत मिल रहे हैं क्योंकि आगामी महीनों के दौरान त्योहारी सीजन से बिक्री को रफ्तार मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘त्योहारों के दौरान उपहार एवं आयोजन से संबंधित वस्तुओं की मांग बढ़ेगी। इसलिए आगामी महीनों के दौरान एफएमसीजी की दमदार बिक्री होने के आसार हैं।’
ग्रामीण बाजारों में अधिक वृद्धि से कंपनियों को काफी राहत मिलेगी क्योंकि पिछले साल सितंबर से ही ग्रामीण बाजारों में मांग कमजोर बनी हुई थी। हिंदुस्तान यूनिलीवर के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी संजीव मेहता ने जून तिमाही के नतीजे जारी करने के बाद निवेशकों से बातचीत में कहा, ‘यदि हम कुल एफएमसीजी पर गौर करेंगे तो यह 7 फीसदी होगी। शहरी वृद्धि 9 फीसदी पर इससे अधिक और ग्रामीण वृद्धि करीब 4 फीसदी है। लेकिन यदि हम पिछले तीन महीनों के दौरान मात्रात्मक वृद्धि पर गौर करते हैं तो शहरी वृद्धि करीब -3 फीसदी और ग्रामीण वृद्धि -7 फीसदी दिखती है।’