इंडिया रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वाणिज्यिक पत्र (सीपी) और जमा प्रमाणपत्र (सीडी) अधिक जारी किए जाने के कारण मुद्रा बाजार की दरें मध्यम रूप से ऊंची बनी रहेंगी। हालांकि इसमें अगस्त के बाद के तीन महीनों में 40-60 आधार अंकों की गिरावट आई है।
इस महीने मुद्रा बाजार की दर स्थिर रही है। इसमें 5-10 आधार अंक का मामूली उतार-चढ़ाव हुआ। यह उतार-चढ़ाव तिमाही के अग्रिम कॉरपोरेट कर भुगतान और जीएसटी भुगतान में नकदी की अस्थिरता की वजह से है। रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी बैंकों का सीडी से धन जुटाना काफी बढ़ा है।
सरकारी बैंकों ने सिंतबर (24 सितंबर तक) में 97,900 करोड़ रुपये के सीडी जारी किए थे जबकि अगस्त में 56,400 करोड़ रुपये के सीडी जारी हुए थे। हालांकि निजी क्षेत्र के बैंकों ने इन साधनों का जबरदस्त ढंग से इस्तेमाल किया। निजी बैंकों ने 27,000 करोड़ रुपये की सीडी जारी की है जबकि बीते माह इन बैंकों ने 23,900 करोड़ रुपये की सीडी जारी की थी।
रिपोर्ट में बताया गया है कि सीडी जारी करने में यह उछाल तिमाही के अंत में की गई रिपोर्टिंग के कारण है, क्योंकि सीडी के माध्यम से जुटाई गई धनराशि को समग्र जमा के अंतर्गत शामिल किया जाता है।