भारत का वस्तु व्यापार घाटा जनवरी में बढ़कर 23 अरब डॉलर हो गया, जो एक साल पहले 16.5 अरब डॉलर था। इससे भारत में सस्ते में माल पाटने वाले व्यापारिक साझेदारों को लेकर चिंता बढ़ गई है।
चालू वित्त वर्ष के शुरुआती 10 महीनों के दौरान व्यापार घाटा कम होकर 230 अरब डॉलर रह गया है, जो पिछले साल की समान अवधि में 241 अरब डॉलर था, जिससे उक्त आशंकाएं कम हो जाती हैं। मंगलवार को ऐक्सिस कैपिटल की ओर से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी के व्यापार के आंकड़ों से सस्ता माल भारत में पाटे जाने के संकेत मिलते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘गैर तेल/सोने का आयात संभवतः रसायन, धातुओं और मशीनरी के सामान की डंपिंग के कारण बढ़ा है।’
सोमवार को सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी के दौरान वस्तु निर्यात 2.4 फीसदी संकुचित होकर 36.43 अरब डॉलर रह गया है, जबकि आयात सालाना आधार पर 10 फीसदी बढ़कर 59.4 अरब डॉलर से अधिक हो गया। भारत के आयात बास्केट में 22 फीसदी हिस्सेदारी वाले कच्चे तेल का आयात जनवरी में 13.5 फीसदी गिरकर 13.4 अरब डॉलर का हुआ है, वहीं गैर पेट्रोलियम और गैर रत्न व आभूषण का आयात 20 फीसदी बढ़कर 41.2 अरब डॉलर हो गया है।
आयात की जाने वाली ज्यादा मूल्य की वस्तुओं में सोना (40.8 फीसदी) इलेक्ट्रॉनिक सामान (17.8 फीसदी), गैर लौह धातुएं (26 फीसदी ), कार्बनिक एवं अकार्बनिक रसायन (36.9 फीसदी), लोहा और स्टील (6.9 फीसदी) व अन्य हैं। व्यापार मंत्रालय के पूर्व अधिकारी और दिल्ली के थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव से जुड़े अजय श्रीवास्तव ने कहा कि आयात बढ़ा है, लेकिन डंपिंग के संकेत देने वाले साफ-साफ आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। पिछले साल की समान अवधि की तुलना में जनवरी में भारत का आयात 10.3 फीसदी बढ़ा है।