अर्थव्यवस्था

भारत का सर्विसेज PMI जुलाई में 11 महीने के टॉप पर, मजबूत एक्सपोर्ट डिमांड से मिला बूस्ट

India July Services PMI: सर्वे में भाग लेने वाले कारोबारियों ने बताया कि ऐड कैम्पेन, नए क्लाइंट्स को जोड़ने और मजबूत डिमांड के चलते सर्विसेज में मजबूती बनी हुई है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- August 05, 2025 | 11:39 AM IST

India July Services PMI: भारत के सर्विस सेक्टर की दमदार परफॉर्मेंस जुलाई में भी जारी रही। HSBC इंडिया सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) जुलाई में बढ़कर 60.5 पर पहुंच गया, जो जून में 60.4 था। एसएंडपी S&P ने मंगलवार को यह आंकड़े जारी किए।

सर्वे में भाग लेने वाले कारोबारियों ने बताया कि ऐड कैम्पेन, नए क्लाइंट्स को जोड़ने और मजबूत मांग को बढ़ोतरी के चलते सर्विसेज में मजबूती बनी हुई है। भारतीय कंपनियों को एशिया, कनाडा, यूरोप, यूएई और अमेरिका से एक्सपोर्ट ऑर्डर मिले। सेक्टर्स की बात करें तो फाइनेंस और इंश्योरेंस में सबसे ज्यादा ग्रोथ देखी गई, जबकि रियल एस्टेट और बिजनेस सर्विसेज पीछे रहै।

​डिमांड के बावजूद हायरिंग सुस्त

मजबूत ऑर्डर बुक्स के बावजूद रोजगार बढ़ोतरी की रफ्तार जुलाई में 15 महीने के निचले स्तर पर रही। सर्वे में शामिल कंपनियों में से केवल 2% से भी कम ने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई।

HSBC की चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी ने कहा, “60.5 के स्तर पर सर्विसेज पीएमआई ने मजबूत ग्रोथ का संकेत दिया, जिसका नेतृत्व नए एक्सपोर्ट ऑर्डरों में बढ़ोतरी ने किया। आगे को लेकर पॉजिटिव सेंटीमेंट मजबूत हुआ है। लेकिन यह अभी भी वित्त वर्ष की पहली छमाही के स्तर से नीचे है।”

रिपोर्ट के मुताबिक, इनपुट कॉस्ट और आउटपुट प्राइस जून की तुलना में तेजी से बढ़े, जिसकी वजह खाने-पीने के सामानों , ट्रांसपोर्टेशन और लेबर की बढ़ी हुई लागत है।

मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधि 16 महीने के हाई पर

दूसरी ओर, मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र की गतिविधियों में भी तेजी देखी गई। HSBC इंडिया मैन्यूफैक्चरिंग PMI जुलाई में बढ़कर 59.1 पर पहुंच गया, जो जून में 58.4 था। यह बढ़ोतरी नए ऑर्डरों और प्रोडक्शन में मजबूत बढ़त के चलते हुई। हालांकि कारोबारी भावनाएं और हायरिंग का रुझान थोड़ा नरम पड़ा है।

कॉम्पोजिट PMI अप्रैल 2024 के बाद सबसे तेज

मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विसेज दोनों सेक्टर्स को मिलाकर बनाए गए कॉम्पोजिट PMI जुलाई में 61.1 पर पहुंच गया, जो जून में 61.0 था। यह अप्रैल 2024 के बाद सबसे तेज रफ्तार है।

हालांकि, ‘फ्यूचर आउटपुट इंडेक्स’ मार्च 2023 के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है, जिससे संकेत मिलता है कि मौजूदा मांग मजबूत है लेकिन आगे की ग्रोथ को लेकर कंपनियों की उम्मीदें थोड़ी सतर्क हो गई हैं।

First Published : August 5, 2025 | 11:29 AM IST