एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने आज अनुमान जाहिर किया कि भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर में कमी आ सकती है।
एडीबी ने अनुमान जाहिर किया कि भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर 2007-08 के 8.7 फीसदी के मुकाबले कम होकर 2008-09 में आठ फीसदी होगी क्योंकि रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति सख्त रखे हुए है और अगले साल की शुरुआत में होने वाले संसदीय चुनावों के मद्देनजर मुद्रास्फीति पर काबू करने के लिए पहल करेगी।
मनीला स्थित एडीबी अपने ‘एशियाई विकास दृष्टिकोण-2008’ में कहा कि हालांकि भारत की विकास दर 2009-10 में फिर बढ़कर 8.5 फीसदी होगी।एडीबी के इंडिया रेजिडेंट मिशन के प्रमुख अर्थशास्त्री नरहरि राव ने कहा कि सात फीसदी की तरफ रुख कर रही मुद्रास्फीति पर नियंत्रण के लिए हाल में शुल्कों में की गई कटौती का परिणाम दो-तीन हफ्तों में दिखने लगेगा।
राव ने कहा कि हालांकि सरकार चावल और गेहूं जैसे कुछ खाद्य पदार्थों में सब्सिडी बढ़ाएगी ताकि मूल्यों में कमी की जा सके क्योंकि वैश्विक कीमतें बहुत अधिक हैं और आयात शुल्क घटाकर शून्य से नीचे नहीं किया जा सकता। उन्होंने आशंका जाहिर की कि अगले कुछ महीनों तक मुद्रास्फीतिक दबाव बने रहेंगे।