अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) ने भारत को ‘प्राथमिकता निगरानी सूची’ में बरकरार रखा है। यूएसटीआर का कहना है कि भारत बौद्धिक संपदा (आईपी) अधिकारों की सुरक्षा और उसे लागू करने के मामले में दुनिया के ‘सबसे चुनौतीपूर्ण’ देशों में से एक बना हुआ है और पेटेंट से जुड़े मुद्दे विशेष चिंता का विषय बने हुए हैं। छह देश चीन, रूस, इंडोनेशिया, चिली, अर्जेंटीना, वेनेजुएला भी इस सूची में बने हुए हैं।
भारत अमेरिका व्यापार नीति मंच (टीपीएफ) की जनवरी में हुई 14वीं मंत्रिस्तरीय बैठक में भारत द्वारा पेटेंट व्यवस्था को आधुनिक बनाने की कवायदों पर चर्चा हुई और पेटेंट, कॉपीराइट और ट्रेडमार्क जैसे मसलों पर चर्चा की गई थी।
हालांकि इसमें यह भी कहा गया है कि भारत ने पेटेंट (संशोधन) नियम, 2024 को अंतिम रूप दे दिया है, जिसमें पेटेंट आवेदकों के दीर्घावधि से लंबित बोझ कम होने की संभावना है।
संशोधनों में पूर्व-अनुदान विरोधों के लिए प्रक्रियाओं में बदलाव, पेटेंट कार्य के लिए रिपोर्टिंग फॉर्म को अद्यतन करना और विदेशी आवेदनों की रिपोर्टिंग के लिए रिपोर्टिंग समय में कमी शामिल होगी।
बौद्धिक संपदा संरक्षण और प्रवर्तन की वैश्विक स्थिति की सालाना समीक्षा की स्पेशल 301 रिपोर्ट में यूएसटीआर ने कहा, ‘अमेरिका फॉर्म 27 सहित इसे लागू करने की स्थिति की निगरानी करेगा।
साथ ही भारत को इन पर आगे बढ़ना जारी रखने व अन्य सुधार संबंधी कवायदों के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिससे कि पेटेंट के आवेदन लंबित रहने की अवधि में कमी आए और सभी यूजर्स के लिए पेटेंट व्यवस्था में सुधार हो।’
इसमें यह भी कहा गया है कि भारत ने अपनी बौद्धिक संपदा की स्थिति मजबूत करने पर काम किया है, जिसमें आईपी के महत्त्व को लेकर लोगों में जागरूकता के प्रसार का काम शामिल है।