अर्थव्यवस्था

India GDP: भारत की वृद्धि पांच सालों में 6.5 से 7 फीसदी रहने की उम्मीद

India GDP growth rate: यूबीएस का अनुमान: भारत की जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 26-30 में 6.5-7% रहेगी

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- June 10, 2024 | 11:10 PM IST

भारत की जीडीपी वृद्धि दर वित्तीय वर्ष 2025-26 (वित्त वर्ष 26) और 2029-30 (वित्त वर्ष 30) के दौरान 6.5 से 7 फीसदी के बीच कायम रहने की उम्मीद है। यह अनुमान यूबीएस सिक्योरिटीज ने सोमवार को जताया। यूएसबी सिक्योरिटीज की मुख्य अर्थशास्त्री तनवी गुप्ता जैन ने बताया, ‘मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान भारत के 7 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। महामारी के बाद के दौर में सरकार के व्यय करने और रियल एस्टेट की जबरदस्त मांग के कारण पूंजीगत व्यय चक्र में सुधार हुआ है।’

भारतीय रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति की हालिया समीक्षा में वित्त वर्ष 25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृदि्ध के अनुमान को संशोधित करके 7.2 फीसदी कर दिया है जबकि अप्रैल में यह अनुमान 7 फीसदी जताया गया था। यूबीएस ने बताया कि चुनाव के बाद के दौर में कॉरपोरेट पूंजीगत व्यय के सुधरने की उम्मीद है और इसका प्रभाव वित्त वर्ष 26 में दिखाई देगा।

मौजूदा वित्त वर्ष में घरेलू खपत में सालाना आधार पर 5 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद है। इस वृद्धि को प्रीमियम और ग्रामीण खंड से प्रमुख तौर पर वृद्धि मिलेगी जबकि शहरी लोगों की मांग की मांग सुस्त रहने की उम्मीद है। वैश्विक स्तर पर आयात में सुधार और सेवा निर्यात में इजाफे के कारण निर्यात में कुछ सुधार होने की उम्मीद है।

तनवी गुप्ता जैन ने मासिक मुद्रास्फीति पूर्वानुमान के हवाले से बताया कि महंगाई आरबीआई के पूरे साल की 4.5 फीसदी के अनुमान से कम रह सकती है। उन्होंने बताया, ‘हालांकि हमारे मासिक पूर्वानुमान अनुमान का दायरा बता रहा है कि महंगाई पूरे साल के लिए आरबीआई के 4.5 फीसदी के अनुमान से कम रह सकता है। लिहाजा हम जुलाई में आगामी बजट की घोषणाओं के विवरण का इंतजार करेंगे और खाद्य महंगाई के जोखिम पर नजर रखेंगे।’

उ्न्होंने बताया कि जब तक महंगाई या वृद्धि में महत्त्वपूर्ण रूप से गिरावट नहीं होती है तब तक ब्याज दरों में कटौती सीमित रहने की उम्मीद है। भारत के लिए आर्थिक की आर्थिक स्थितियां अनुकूल रहने और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के असुरक्षित ऋण पर अंकुश लगाने के प्रयासों के कारण मौद्रिक नीति समिति को तत्काल ब्याज दरों या रुख में परिवर्तन करने की जरूरत नहीं है। फरवरी 2025 की नीतिगत समीक्षा से ब्याज में 50 आधार अंक की कटौती शुरू होने की उम्मीद है।

 

First Published : June 10, 2024 | 11:10 PM IST