वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने गुरुवार को एनॉलिस्ट फर्म मूडीज रेटिंग्स के साथ हुई बैठक में भारत की वृहद आर्थिक स्थिरता, राजकोषीय विवेक और महंगाई दर में कमी का हवाला देते हुए रेटिंग अपग्रेड करने का मामला उठाया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
एक हफ्ते पहले ही देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनंतिम आंकड़े जारी हुए हैं, जिनसे पता चलता है कि वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च के दौरान) में वृद्धि के आंकड़े बेहतर होकर 7.4 प्रतिशत हो गए हैं, जो 4 तिमाही में सबसे ऊंचा आंकड़ा है।
रेटिंग एजेंसी के साथ यह विचार विमर्श हाल में भारत-पाकिस्तान टकराव और वैश्विक व्यापार में बढ़ते तनावों के बीच हुआ है। भारत के तेज आंतरिक वृद्धि के चालकों, बड़ी घरेलू अर्थव्यवस्था और वस्तु व्यापार का हवाला देते हुए मूडीज रेटिंग्स ने हाल ही में कहा था कि अमेरिकी शुल्क और वैश्विक व्यापार से जुड़ी बाधाओं से निपटने के मामले में भारत कई अन्य उभरते बाजारों से बेहतर स्थिति में है।
मूडीज ने कहा कि मई की शुरुआत में हुई झड़प और उसके बाद भारत-पाकिस्तान तनाव का असर भारत की तुलना में पाकिस्तान की वृद्धि पर ज्यादा पड़ेगा। मगर एजेंसी ने यह भी कहा था कि अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले चीन के अधिकांश सामान पर शुल्क की वजह से वैश्विक वृद्धि बाधित होगी और कैलेंडर वर्ष 2025 में भारत की आर्थिक वृद्धि 6.7 प्रतिशत के पहले के अनुमान से घटकर 6.3 प्रतिशत रह सकती है।
इस साल मई में ग्लोबल सॉवरिन क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मॉर्निंगस्टार डीबीआरएस ने भारत की दीर्घकालिक विदेशी और स्थानीय मुद्रा जारीकर्ता रेटिंग को बीबीबी-लो से बढ़ाकर स्थिर धारणा के साथ बीबीबी कर दिया था। मॉर्निंगस्टार डीबीआरएस ने उम्मीद जताई है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव सीमित क्षेत्र में ही रहेगा और इसका मध्यावधि में भारत की वृद्धि की संभावनाओं या कर्ज लेने की पात्रता पर नहीं पड़ेगा। एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा है कि रेटिंग पर तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, लेकिन क्षेत्रीय तनाव की स्थिति के कारण उपजी अस्थिरता लंबे समय तक बनी रही तो इसका असर सॉवरिन क्रेडिट प्रोफाइल पर पड़ सकता है। जून 2020 में मूडीज ने भारत की रेटिंग बीएए-2 से घटाकर नकारात्मक परिदृश्य के साथ बीएए-3 कर दी। सुधार की रफ्तार सुस्त होने और सुस्त वृद्धि का हवाला देते हुए ऐसा किया गया था।