अर्थव्यवस्था

चिप सप्लाई चेन और इनोवेशन के लिए भारत और अमेरिका ने की साझेदारी

Published by
श्रेया नंदी
Last Updated- March 10, 2023 | 9:12 PM IST

भारत और अमेरिका ने सेमीकंडक्टर (चिप) सप्लाई चेन तथा नवाचार (इनोवेशन) के क्षेत्र में साझेदारी स्थापित करने के लिए आज एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता भारत-अमेरिका वाणिज्यिक संवाद कार्यक्रम के तहत किया गया है, जिसे तीन साल के बाद एक बार फिर शुरू किया गया है।

सेमीकंडक्टर के लिए सहयोग की पहल तब की गई है जब कोविड-19 के प्रकोप के बाद चिप किल्लत से दोनों देशों में वाहन एवं इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है।

अमेरिका की वा​णिज्य मंत्री जीना रेमोंडो ने संयुक्त वार्ता में संवाददाताओं से कहा, ‘अमेरिका चाहता है कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन में बड़ी भूमिका निभाने का अपना सपना पूरा करे। यह समझौता (एमओयू) इस लिहाज से तैयार किया गया है ताकि उस लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिल सके। हमने इस एमओयू पर काम पहले ही शुरू कर दिया है। भारतीय और अमेरिकी सेमीकंडक्टर उद्योगों को यह पता लगाने के लिए कहा गया है कि सप्लाई चेन में क्या खामियां हैं और मजबूती कहां नहीं है। इससे हमें काम आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।’

चार दिन की यात्रा पर मंगलवार को भारत आईं रेमोंडो आज दिल्ली में थीं। उन्होंने पहले कहा था कि दोनों पक्षों ने सेमीकंडक्टर उद्योग में मांग एवं आपूर्ति की एक जैसी स्थिति पर सहयोग करने की बात की है। इससे यह पता लगाने की को​शिश की गई है कि संयुक्त उद्यम अथवा प्रौद्योगिकी साझेदारी, रोजगार, प्रशिक्षण, अनुसंधान एवं विकास आदि के लिए कहां साझेदारी की जा सकती है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और अमेरिकी मंत्री रेमोंडो की सह-अध्यक्षता में यह वाणिज्यिक संवाद भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को मजबूती देने के लिए किए जा रहे प्रयासों का एक हिस्सा है। यह वाणिज्यिक संवाद मुख्य तौर पर लचीली एवं सुरक्षित सप्लाई चेन, जलवायु एवं स्वच्छ प्रौद्योगिकी में सहयोग, समावेशी डिजिटल विकास, कौशल सहित प्रतिभा विकास, वैश्विक महामारी के बाद विशेष तौर पर एमएसएमई व स्टार्टअप के लिए आ​र्थिक विकास और गुणवत्ता मानकों पर सहयोग पर केंद्रित था।

रेमोंडो ने भारत-अमेरिका सीईओ फोरम के लिए अमेरिकी सीईओ का उच्चस्तरीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल लेकर आई थीं। इसका उद्देश्य दोनों पक्षों की साझा रणनीतिक प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करना है।

गोयल ने कहा कि दोनों देशों ने स्टैंडर्ड ऐंड कन्फॉर्मेंस कोऑपरेशन प्रोग्राम को भी शुरू किया है। यह अमेरिका के अमेरिकन नैशनल स्टैंडर्ड इंस्टीट्यूट (एएनएसआई) और भारत के भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के बीच सहयोग एवं साझेदारी पर केंद्रित है।

अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यातक एवं व्यापारिक भागीदार है, जबकि भारत अमेरिका का नवां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। अप्रैल से जनवरी के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 108.43 अरब डॉलर रहा। दोनों देशों का लक्ष्य 2025 तक इसे बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करना है।

अमेरिका भारत में एफडीआई का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत भी है। वह भारत के लिए शीर्ष पांच निवेश गंतव्यों में शामिल है।

वा​णि​ज्यिक संवाद

  • स्टार्टअप, एसएमई, कौशल विकास और उद्यमिता में सहयोग के लिए प्रतिभा, नवाचार एवं समावेशी विकास पर नए कार्यसमूह।
  • यात्रा एवं पर्यटन कार्यसमूह को दोबारा शुरू किया गया ताकि इस क्षेत्र की नई चुनौतियों से निपटते हुए अवसरों को भुनाया जा सके
  • अमेरिका के एएनएसआई और भारत के बीआईएस के बीच साझेदारी के तहत स्टैंडर्ड ऐंड कन्फॉर्मेंस कोऑपरेशन प्रोग्राम शुरू किया गया
  • दोनों पक्ष ग्लोबल बायोफ्यूल्स अलायंस और हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी के विकास एवं तैनाती के लिए मिलकर काम करेंगे
First Published : March 10, 2023 | 9:12 PM IST