कोविड-19 की गंभीर स्थिति के कारण करदाताओं की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने आज कुछ आयकर अनुपालन की समय सीमा बढ़ा दी है। इसमें 2020-21 में व्यक्तिगत आयकरदाताओं के लिए 2 महीने अवधि बढ़ाकर अंतिम तिथि 30 सितंबर किया जाना शामिल है।
सीबीडीटी ने एक बयान में कहा, ‘कोरोनावायरस महामारी के कारण उत्पन्न संकट को देखते हुए करदाताओं को राहत प्रदान करने के इरादे से कुछ कर अनुपालनों को लेकर समयसीमा बढ़ायी गई है, जिसके लिए विभिन्न हिस्सेदारों से अनुरोध प्राप्त हुए थे। इसे देखते हुुए आयकर अधिनियम, 1961 के तहत अनुपालन की समयसीमा बढ़ाने का फैसला किया है।’
आयकर विभाग ने आईटीआर दाखिल कने की अंतिम तिथि भी एक महीने बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया है। वहीं परिपत्र के अनुसार नियोक्ताओं द्वारा कर्मचारियों को फॉर्म 16 जारी करने की समयसीमा एक महीना बढ़ाकर 15 जुलाई, 2021 कर दी गई है। कर ऑडिट रिपोर्ट और ट्रांसफर प्राइसिंग सर्टिफिकेट जमा करने की नियत तारीख एक महीने बढ़ाकर क्रमश: 31 अक्टूबर और 30 नवंबर कर दी गयी है। देर से या संशोधित आयकर रिटर्न अब 31 जनवरी, 2022 तक दाखिल किए जा सकते हैं। सीबीडीटी के अनुसार इसके अलावा, वित्तीय संस्थानों के लिए वित्तीय लेनदेन विवरण (एसएफटी) रिपोर्ट प्रस्तुत करने की सीमा 31 मई, 2021 से बढ़ाकर 30 जून कर दी गई है।
नांगिया ऐंड कंपनी एलएलपी में पार्टनर शैलेश कुमार ने कहा कि आयकर रिटर्न के मामले में समयसीमा बढ़ाए जाने से करदाताओं को कर नियमों के अनुपालन के मामले में थोड़ी राहत मिलेगी। कुमार ने कहा, ‘हालांकि, ऐसे करदाताओं के लिए, जिनकी संपूर्ण आयकर देनदारी टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) और अग्रिम कर के जरिये नहीं चुकाई जाती है और कर देयता में 1 लाख रुपये से अधिक का अंतर है, उन्हें आयकर कानून की धारा 234ए के तहत ब्याज शुल्क से बचने के लिए संबंधित मूल देय तिथि के भीतर अपना आईटीआर दाखिल करने का प्रयास करना चाहिए। मूल देय तिथि के बाद आईटीआर दाखिल करने तक हर महीने 1 प्रतिशत की दर से शुल्क लगाया जाता है।’ बहररहाल आयकर विभाग नया ई-फाइलिंग पोर्टल 7 जून को लान्च करेगा। ऐसे में मौजूदा पोर्टल 6 दिन के लिए 1 जून से 6 जून के बीच उपलब्ध नहीं रहेगा।
एके एम ग्लोबल में टैक्स पार्टनर अमित माहेश्वरी ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर को देखते हुए करदाताओं को राहत देने के लिए यह जरूरी कदम है। उन्होंने कहा, ‘अंतिम तिथि में राहत देने से निश्चित रूप से कारोबारियोंं पर अनुपालन का बोझ कम होगा। बहरहाल सरकार ने करों के भुगतान में कोई राहत नहीं दी है, क्योंकि उसे अर्थव्यवस्था को समर्थन देने और स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे के लिए के लिए धन की जरूरत है।’
डेलॉयट इंडिया में पार्टनर सरस्वती कस्तूरीरंगन ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए वेतन पर टैक्स विदहोल्डिंग से नियोक्ता के पीएफ, एनपीएस और पेंशन निर्धारण में जटिलताएं आ गई हैं। उन्होंने कहा, ‘तिमाही ई-टीडीएस रिटर्न की अवधि 31 मई से 30 जून करने व फॉर्म-16 जारी करने की तिथि 15 जून से 15 जुलाई करना स्वागत योग्य है।’
