अर्थव्यवस्था

भारत के सकल FDI में 25.7% की वृद्धि, शुद्ध FDI में स्थिरता

अप्रैल-सितंबर 2024 में सकल एफडीआई बढ़कर 42.1 अरब डॉलर हुआ; विनिर्माण और ऊर्जा क्षेत्र प्रमुख आकर्षण, सिंगापुर और अमेरिका से अधिकांश निवेश।

Published by
अभिजित लेले   
Last Updated- November 20, 2024 | 11:17 PM IST

अप्रैल-सितंबर 2024 के दौरान भारत के सकल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 25.7 प्रतिशत की तेज बढ़ोतरी हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान एफडीआई बढ़कर 42.1 अरब डॉलर हो गया, जो एक साल पहले 33.5 अरब डॉलर था।

बहरहाल अप्रैल से सितंबर के दौरान विदेश भेजे गए धन को निकालकर शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) कम होकर 3.9 अरब डॉलर रह गया है, जो पिछले साल की समान अवधि में 3.9 अरब डॉलर था। रिजर्व बैंक के नवंबर 2024 के बुलेटिन से पता चलता है कि धन की निकासी और विदेश में लगाए गए धन में वृद्धि के कारण ऐसा हुआ है।

भारत में सीधे निवेश करने वाले लोगों द्वारा प्रत्यावर्तन/विनिवेश वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में बढ़कर 27.8 अरब डॉलर हो गया है, जो अप्रैल-अगस्त 2023 के दौरान 32.1 अरब डॉलर था। विदेश भेजी गई एफडीआई अप्रैल-सितंबर 2024 के दौरान 10.7 अरब डॉलर रहा है, जो पिछले साल की समान अवधि में 6.5 अरब डॉलर था।

रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विनिर्माण, वित्तीय सेवाओं, बिजली व अन्य ऊर्जा क्षेत्रों, संचार सेवाओं की सकल एफडीआई आवक में हिस्सेदारी करीब दो तिहाई रही है। सिंगापुर, मॉरिशस, नीदरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका से करीब तीन चौथाई धन आया है।

First Published : November 20, 2024 | 11:17 PM IST