प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाह समिति (ईएसी पीएम) के अध्यक्ष विवेक देवराय ने कहा है कि तनावपूर्ण भू-राजनीतिक प्रभाव के बाद भी देश बजट में अनुमानित 11.1 फीसदी आर्थिक विकास दर हासिल करेगा।
कंपेटिटिवनेस रोडमैप फॉर इंडिया @ 100 रिपोर्ट जारी होने के मौके पर देवराय ने संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे नहीं लगता है कि बजट में प्रस्तावित नाममात्र जीडीपी वृद्धि से हम चूकेंगे। हां, अभी भू-राजनीतिक माहौल थोड़ी खराब है। इस स्थिति में भारत बेहतर प्रदर्शन करने वाले देशों में शामिल होगा। उन्होंने संवाददाताओं को याद दिलाया कि बजट पेश करते वक्त ही उन्होंने कहा था कि विकास अनुमान के लिहाज से यह थोड़ा रूढ़िवादी है। उन्होंने कहा, ‘यह थोड़ा अधिक हो सकता था।’बजट में अनुमान था कि वित्त वर्ष 2022-23 में अर्थव्यवस्था नाम मात्र बढ़कर 258 लाख करोड़ रुपये हो सकती है जो पिछले साल 232 लाख करोड़ रुपये थी। कई विशेषज्ञों ने इसे रूढ़िवादी अवधारणा बताई थी।
दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने भी मौजूदा वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 13.9 फीसदी की वृद्धि का अनुमान जताया था। पहली तिमाही के जीडीपी के आंकड़े बुधवार को जारी होंगे। कई विशेषज्ञों का अनुमान है कि पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में वास्तिवक रूप से 12.5-15 फीसदी की वृद्धि हो सकती है जो कि एमपीसी की 16.2 फीसदी के अनुमान से कम होगी।
इस अवसर पर अपने संबोधन में देवराय ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 2047 तक 20 लाख करोड़ डॉलर से थोड़ा कम रहेगा, यदि वास्तविक वृद्धि दर 7-7.5 फीसदी के बीच रहती है, तो भी अगले 25 वर्षों में देश की वार्षिक प्रति व्यक्ति आय 10,000 डॉलर होगी।उन्होंने कहा कि भारत जब अपनी आजादी का सौवां वर्ष मना रहा होगा उस वक्त तक उच्च मध्य आय वाला देश बन जाएगा। कहा, ‘ हमें यह सवाल पूछना चाहिए कि 2045 तक प्रति व्यक्ति आय को 10,000 डॉलर से बढ़ाकर 12,000 डॉलर करने और भारत को उच्च आय वाला देश बनाने के लिए वार्षिक जीडीपी वृद्धि दर को 8-8.5 फीसदी तक बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए।