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राजकोषीय घाटा 8 वर्ष में सबसे कम

Last Updated- December 12, 2022 | 2:16 AM IST

महामारी और लॉकडाउन के बावजूद कर राजस्व तथा अन्य प्राप्तियां बढऩे से इस साल अप्रैल-जून में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा 8 साल में सबसे कम रहा। इस तिमाही में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान का 18.2 फीसदी रहा, जबकि पिछले साल अप्रैल-जून में यह 83.2 फीसदी था। पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6.6 लाख करोड़ रुपये का घाटा रहा था, जो इस वित्त वर्ष की समान अवधि में केवल 2.7 लाख करोड़ रुपये रहा।
राजकोषीय घाटा इतना कम रहने की वजह कर राजस्व में बढ़ोतरी और राजस्व व्यय में कुछ कमी है। इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से अधिशेष हस्तांतरण का भी फायदा मिला और इससे गैर-कर राजस्व का आधे से ज्यादा लक्ष्य पूरा हो गया।
पिछले साल राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण सकल कल राजस्व कम रहा था, इसलिए इस बार आंकड़ा लगभग दोगुना हो गया और आर्थिक गतिविधियों पर महामारी की दूसरी लहर के असर के बावजूद बजट अनुमान के 24 फीसदी पर पहुंच गया। मगर अप्रैल-जून में सरकार का कुल व्यय मासिक आधार पर ऊपर-नीचे होता रहा।
कर प्राप्ति बढऩे के बावजूद अर्थशास्त्रियों का कहना है कि 1.75 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य पूरा नहीं हुआ तो राजकोषीय घाटा 15.1 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान से पार जा सकता है। साथ ही उन्होंने चेताया है कि सरकार के खर्च में बढ़ोतरी हल्की रहने के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्घि प्रभावित हो सकती है। केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘सरकार के पूंजीगत व्यय सहित कुल व्यय में नरमी देखी गई है। बजट आवंटन के अनुपात में उर्वरक, सड़क आदि पर कम खर्च हुआ है जबकि कृषि और खाद्यान्न पर खर्च बरकरार रखा गया है।’ इस साल अप्रैल में सरकार का राजस्व व्यय अप्रैल, 2020 के मुकाबले 35.6 फीसदी कम रहा था, जिसके बाद मई में यह पिछले मई के मुकाबले 32.4 फीसदी बढ़ा मगर जून में एक बार फिर साल भर पहले के मुकाबले 8.9 फीसदी घट गया।
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘पहली तिमाही में केंद्र का राजस्व व्यय 2.4 फीसदी घटा है, जिसकी वजह से पूंजीगत खर्च और शुद्घ उधारी में 26.3 फीसदी तेजी के बावजूद कुल व्यय सपाट रहा। केंद्र के व्यय में नरमी से पहली तिमाही में जीडीपी वृद्घि की रफ्तार पर असर पडऩे की आशंका है।’ उन्होंने कहा कि बजट अनुमान में सकल कर राजस्व 9.5 फीसदी बढऩे का लक्ष्य रखा गया था लेकिन ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कुछ कमी के बाद भी लक्षित कर संग्रह कम नहीं होगा। नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 2022 में सरकार का राजकोषीय घाटा 15.1 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान से अधिक रहेगा।

First Published - July 30, 2021 | 11:20 PM IST

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