किसान कर्ज माफी: बढ़ सकता है दायरा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 5:26 PM IST

किसानों के ऋण पर छूट का पैकेज 60314 करोड़ रुपये, जिस पर केंद्रीय मंत्रिमंडल राजी हुआ था, से ज्यादा होने की संभावना है।


इस योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा किसानों को शामिल किए जाने की संभावना है। विदर्भ जैसे सूखे क्षेत्रों में किसानों की भूमि की सीमा को घटाया जा सकता है।अनुमान लगाया जा रहा है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों के लिए एक खास राशि इस योजना के अंतर्गत माफ की जाएगी। एक सूत्र के मुताबिक 30,000 से 50,000 रुपये की सीलिंग वाले किसानों को इससे फायदा पहुंच सकता है।


ऐसा माना जा रहा है कि इस संदर्भ में सारी औपचारिकताएं पूरी की जा रही है और संसद के 15 अप्रैल से फिर शुरू होने वाले सत्र में इसकी घोषणा की जा सकती है। इस बार के बजट में वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने घोषणा की थी कि 31 दिसंबर 2007 तक जिन किसानों ने ऋण लिया है और अगर उनके पास दो या उससे कम हेक्टेयर जमीन है,तो उन्हें इस ऋण माफी का लाभ मिलेगा।


इसके बाद बहुत सारे किसानों ने शिकायत की थी कि उन्हें इस ऋण माफी का लाभ भूमि सीमा की शर्तों के कारण नही मिल पा रहा है। इस मुद्दे को विभिन्न दलों के नेताओं समेत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने भी बड़े जोर शोर से उठाया है। इस मांग ने जब काफी जोर पकड़ना शुरू किया तो वित्त मंत्रालय ने इस माफी योजना में सुधार करने की प्रक्रिया शुरु कर दी।


जहां इस योजना के तहत मात्र 4 से 6 राज्यों के किसानों को लाभ मिलने का प्रावधान था, उम्मीद की जा रही है कि इसमें संशोधन के बाद इससे 10 से 12 राज्यों को लाभ मिलेगा। यह 2009 के आम चुनाव के मद्देनजर किया जाएगा, क्योंकि किसान एक बहुत बड़ी संख्या में बतौर मतदाता माने जाते हैं।इन सारे संशोधनों को चुनावी आईने में देखने की कोशिश की जा रही है। 27 मार्च को इस ऋण माफी केपहले चरण के तहत 10,000 करोड रुपये के आबंटन को मंजूरी दे दी गई है।


माफी योजना की अगली 15,000 करोड रुपये की किश्त 2008-09, तीसरी 15,000 करोड रुपये की किश्त 2009-10 , चौथी 12,000 करोड रुपये की किश्त 2010-11 और अंतिम 8,314 करोड़ रुपये की किश्त 2011-12 में आबंटित करने की योजना है। यह पूरी राशि 60,314 करोड रुपये हो जाती है। यह योजना 30 जून 2008 से कार्यान्वित होनी है। इस कार्यान्वयन के तहत 4 करोड छोटे और सीमांत किसानों को लाभ पहुंचने की संभावना है।

First Published : March 31, 2008 | 11:05 PM IST