वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़े दर्शाते हैं कि पेट्रोलियम उत्पाद, इंजीनियरिंग उत्पाद, रत्नाभूषण खंड के वैश्विक ऑर्डर बढऩे और कुछ हद तक निम्न आधार प्रभाव के कारण वस्तु निर्यात जून में सालाना आधार पर 48.34 फीसदी बढ़कर 32.5 अरब डॉलर रहा। मई की तुलना में निर्यात काफी हद तक सपाट रहा, लेकिन जून 2020 की तुलना में करीब 30 फीसदी बढ़ा है। लौह अयस्क, चावल, कपास, हैंडलूम उत्पाद, समुद्री उत्पाद, दवा एवं फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्र चालू वित्त वर्ष की शुरुआत से ही वृद्धि दर्ज कर रहे हैं।
देश का वस्तु आयात जून में पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले लगभग दोगुना यानी 41.87 अरब डॉलर हो गया और जून 2019 की तुलना में करीब 2.05 फीसदी बढ़ा। इसके नतीजतन भारत जून में शुद्ध आयातक रहा। व्यापार घाटा 9.4 अरब डॉलर रहा, जबकि पिछले साल 0.71 अरब डॉलर सरप्लस रहा था। इसकीवजह 2020 में महामारी के कारण पैदा होने वाले अवरोध थे। इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘निर्यात बढऩे और मई-जून 2021 में तुलनात्मक रूप से सोने के कम आयात से कुल व्यापार घाटा कम हो रहा है। यह वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में तीन तिमाहियों के निचले स्तर 31 अरब डॉलर पर रहा। हमारा अनुमान है कि उस तिमाही में चालू खाता थोड़ा सरप्लस हो जाएगा। राज्यों के अनलॉक का दायरा बढ़ाने और सुुधार के रफ्तार पकडऩे से हमारा मानना है कि चालू खाता वित्त वर्ष 2022 की शेष तिमाहियों में प्रत्येक में 5 से 10 डॉलर का मामूली घाटा दर्ज करेगा।’
गैर पेट्रोलियम और गैर-रत्नाभूषण निर्यात जून में 29 फीसदी बढ़कर 25.65 अरब डॉलर रहा। इसे कोर निर्यात के नाम से भी जाना जाता है। जून 2019 की तुलना में कोर निर्यात एक-तिहाई बढ़ा था। नायर ने कहा, ‘ज्यादातर उच्च बारंबारता संकेतकों ने क्रमिक सुधार दिखाया है। इसी तर्ज पर गैर तेल और गैर सोना आयात जून 2021 में बढ़ा है। इससे धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियां खुलने और जिंसों की ऊंची कीमतों से मांग में सुधार का पता चलता है।’ इस बीच भारत का कुल निर्यात (वस्तु एवं सेवा) जून में सालाना आधार पर 32 फीसदी बढ़कर 49.85 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। कुल आयात सालाना आधार पर करीब 74 फीसदी बढ़कर 52.18 अरब डॉलर रहा। सेवा क्षेत्र के आंकड़े भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जारी करता है। मई के आंकड़े का अनुमान पिछले महीने के आंकड़े पर आधारित है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (फियो) के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा, ‘समग्र वैश्विक मांग शानदार बनी हुई है, इसलिए देश के विभिन्न हिस्सों में आंशिक लॉकडाउन से फैक्टरियां आधी क्षमता पर चलती रहीं। हालांकि संक्रमण के दैनिक मामलों में गिरावट और आर्थिक गतिविधियां बहाल होने से भारत चालू वित्त वर्ष में अब तक के सर्वोच्च निर्यात आंकड़े को हासिल करने को तैयार है।’ उन्होंने कहा, ‘इससेे एमएसएमई के निर्यात की अगुआई करने के आसार हैं।’
