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अप्रैल में 197 प्रतिशत बढ़ा निर्यात

Last Updated- December 12, 2022 | 5:16 AM IST

भारत से वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात अप्रैल महीने में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में तीन गुना बढ़कर 30.21 अरब डॉलर हो गया। पिछले साल अप्रैल में लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां ठहर जाने और इसकी वजह से कम आधार होने के कारण ऐसा हुआ है।
बहरहाल अप्रैल, 2019 के 26.04 अरब डॉलर की तुलना में निर्यात में 16.03 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जिससे पता चलता है कि कम आधार को चालू वित्त वर्ष के  पहले महीने की मजबूत मांग का भी समर्थन मिला है। विदेश माल भेजे जाने में तेजी मुख्य रूप से पेट्रोलियम उत्पादों, इंजीनियरिंग व रत्न एवं आभूषण उत्पादों की मांग से संचालित रही। हाल के आंकड़ों से यह भी संकेत मिलता है कि देश में कोविड-19 में अप्रत्याशित तेजी और स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन का असर वस्तुओं की मांग पर नहीं पड़ा है। पिछले महीने मार्च के 34.45 अरब डॉलर निर्यात की तुलना में अप्रैल में निर्यात में -12.3 प्रतिशत की गिरावट आई है।
रविवार को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी प्राथमिक आंकड़ों से पता चलता है कि भारत का वाणिज्यिक वस्तुओं का आयात अप्रैल महीने में 45.45 अरब डॉलर रहा, जो एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 165.99 प्रतिशत है। अप्रैल, 2019 के 42.39 डॉलर आयात की तुलना में आयात में 7.22 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसकी वजह से व्यापार घाटा 15.24 अरब डॉलर हो गया है, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 120.34 प्रतिशत ज्यादा है। अप्रैल, 2019 में व्यापार घाटा 16.30 अरब डॉलर था।
आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में आयात बढऩे की प्रमुख वजह सोने, पेट्रोलियम उत्पादों और इलेक्ट्रॉनिक सामान के आयात में बढ़ोतरी है।
फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ ने कहा, ‘जोरदार वृद्धि हमारे अनुमान के मुताबिक है क्योंकि हमारे निर्यातकों के ऑर्डर बुकिंग की स्थिति बहुत बेहतर थी और देश में धीरे धीरे स्थिति सुधर रही है, जिसकी वजह से आगे निर्यात में और बढ़ोतरी होगी।’ उन्होंने कहा कि अप्रैल, 2019 के आधार पर 15 प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि बेहतर संकेतक है और इससे सकारात्मक दो अंकों की अवधारणा नजर आती है।
बहरहाल सराफ ने कहा कि आयात में तेजी ने व्यापार घाटा बढ़ा दिया है, जो चिंता का विषय है और इस पर नजर रखी जानी चाहिए।
अप्रैल महीने में गैर पेट्रोलियम निर्यात का मूल्य 26.85 अरब डॉलर था, यह एक साल पहले की तुलना में 200.62 प्रतिशत ज्यादा और अप्रैल, 2019 की तुलना में 19.44 प्रतिशत ज्यादा है। गैर पेट्रोलियम और गैर रत्न एवं आभूषण का निर्यात मूल्य 23.51 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल से 164.28 प्रतिशत और अप्रैल, 2019 से 19.89 प्रतिशत ज्यादा है। तेल आयात 10.8 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले की तुलना में 132.26 प्रतिशत ज्यादा है। बहरहाल अप्रैल, 2019 की तुलना में यह 6.62 प्रतिशत कम है।
इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल आफ इंडिया (ईईपीसी) के चेयरमैन महेश देसाई ने कहा, ‘कोविड-19 के मामलों में हाल की बढ़ोतरी से वृद्धि को जोखिम बढ़ा है, लेकिन साल के दौरान रिकवरी जारी रहने की उम्मीद है। डब्ल्यूटीओ ने भी अनुमान में बदलाव किया है और उम्मीद जताई है कि 2021 में वैश्विक कारोबार की मात्रा में 8 प्रतिशत बढ़ोतरी होगी।’
देसाई ने आगे कहा कि महामारी की दूसरी लहर पर काबू पाने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन और रात के कफ्र्यू की घोषणा से मजदूरों की कमी और लॉजिस्टिक्स की समस्या हो सकती है। बहरहाल यह कम अवधि की समस्या है।

First Published - May 2, 2021 | 11:09 PM IST

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