अर्थव्यवस्था

त्योहारी मांग से निर्यात को दम, 28 माह में सबसे तेजी से बढ़ा

क्रिसमस से पहले मांग में तेजी से अक्टूबर में वस्तुओं का निर्यात 17.3 फीसदी बढ़ा

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श्रेया नंदी   
Last Updated- November 14, 2024 | 10:44 PM IST

देश से वस्तुओं का निर्यात अक्टूबर में दो अंक में बढ़ा है जो पिछले 28 महीनों में सबसे तेज वृद्धि है। वा​णिज्य विभाग की ओर से आज जारी आंकड़ों के मुताबिक क्रिसमस से पहले पश्चिमी देशों से मांग बढ़ने से अक्टूबर में निर्यात 17.3 फीसदी बढ़कर 39.2 अरब डॉलर रहा। हालांकि इस दौरान आयात भी 3.9 फीसदी बढ़कर 66.34 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया जिसकी वजह से अक्टूबर में व्यापार घाटा बढ़कर 27.1 अरब डॉलर रहा, जो सितंबर में 20.8 अरब डॉलर था।

देश के निर्यात और घरेलू विनिर्माण की सेहत का पैमाना माना जाने वाला गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्न एवं आभूषण का निर्यात अक्टूबर में 27.7 फीसदी बढ़कर 31.36 अरब डॉलर रहा। इंजीनियरिंग वस्तुओं (39.4 फीसदी), रसायन (27.35 फीसदी), इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं (45.7 फीसदी), रेडिमेड परिधान (35.1 फीसदी) और चावल (85.8 फीसदी) की मांग बढ़ने से निर्यात में तेजी आई है। दूसरी ओर पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात 22.1 फीसदी घटकर 4.6 अरब डॉलर रहा।

वा​णिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल ने कहा कि इस साल निर्यात का प्रदर्शन पिछले साल से बेहतर रहेगा और यही रुझान बना रहा तो वित्त वर्ष 2025 में कुल निर्यात 800 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।

निर्यातकों के संगठन फियो के अध्यक्ष अ​श्विनी कुमार ने कहा कि वै​श्विक अनि​श्चितता के बीच वस्तुओं के निर्यात में शानदार दो अंक की वृद्धि उत्साहजनक सुधार का संकेत है। हालांकि कच्चे तेल और धातुओं की कीमतों में अस्थिरता ने भी कुछ हद तक निर्यात के मूल्य को बढ़ाने में भूमिका निभाई है।

चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अक्टूबर के दौरान निर्यात 3.2 फीसदी बढ़कर 244.5 अरब डॉलर रहा जबकि आयात 5.7 फीसदी बढ़कर 416.9 अरब डॉलर रहा। इससे व्यापार घाटा 164.65 अरब डॉलर का रहा।

बड़थ्वाल ने कहा, ‘कुछ क्षेत्रों और देशों पर ध्यान केंद्रित करने की हमारी रणनीति का अब फायदा मिलता दिख रहा है।’ सोने के आयात में 1 फीसदी की गिरावट के बावजूद अक्टूबर में 7.14 अरब डॉलर मूल्य के सोने का आयात हुआ।

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री और रिसर्च एवं आउटरीच की प्रमुख अदिति नायर ने कहा कि अक्टूबर के व्यापार आंकड़ों में अलग-अलग रुझान दिखे हैं। व्यापार घाटा पिछले साल अक्टूबर की तुलना में कम रहा मगर सितंबर की तुलना में यह तेजी से बढ़ा है। व्यापार घाटे में तेजी मुख्य रूप से कच्चे तेल का ज्यादा आयात होने और त्योहारों के दौरान सोने का आयात बढ़ने से आई है।

सेवाओं का निर्यात अक्टूबर में 21.3 फीसदी बढ़कर 34 अरब डॉलर रहा और इसका आयात 26.3 फीसदी बढ़कर 17 अरब डॉलर रहा। ऐसे में सेवाओं के व्यापार मामले में 17 अरब डॉलर का अ​धिशेष रहा। हालांकि अक्टूबर में सेवा व्यापार के आंकड़े अनुमानित हैं और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा आंकड़े जारी किए जाने के बाद इसे संशो​धित किया जाएगा।

First Published : November 14, 2024 | 10:38 PM IST