मंहगाई की मार, पर महानगरों में जीना नहीं दुश्वार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 12:00 AM IST

जहां महंगाई ने उपभोक्ताओं की जेबें ढीली करने में कोई कसर नही छोड़ी है, वहीं मई के इस सप्ताह में खाद्य कीमतों की स्थिरता से लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली है।


खासतौर पर अगर महानगरों में खाद्य पदार्थों की कीमतों पर नजर डालें तो इतना तो साफ हो ही जाता है कि यहां लोगों को महंगाई की टीस तो उठ रही है, पर अपेक्षाकृत थोड़ी कम। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में लोगों को बाकी तमाम सुविधाओं में भले ही जितना खर्च करना पड़े पर खाद्य पदार्थों के मामले में इन्हें थोड़ी राहत तो जरूर है।

कई सप्ताहों से महंगाई का जो कहर जारी है, उस लिहाज से बाजार की यह प्रवृत्ति निश्चित तौर पर एक अच्छा संकेत है। सरकारी वक्तव्य के अनुसार 9 मई को समाप्त सप्ताह में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता तथा चेन्नई के खुदरा बाजारों में मूंगफली के अलावा 13 आवश्यक जिंसों की कीमतों में स्थिरता रही। चारों महानगरों में दाल तथा खाद्य तेलों की कीमतों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। आपूर्ति की कमी के चलते देश में उक्त जिंसों की कीमतों में कुछ समय से तेजी आ रही थी।

दिल्ली की बात करें तो आलोच्य माह में खुदरा बाजार में चना दाल तथा तूर के भाव क्रमश: 36 रुपये और 42 रुपये प्रति किलो रहे। इसी तरह गेहूं एवं आटा के भाव क्र मश: 13 रुपये और 14 रुपये प्रति किलो रहे। जबकि मूंगफली तेल के भाव एक रुपये बढ़कर 121 रुपये प्रति किलो दर्ज किए गए। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि सरकार द्वारा उठाये गए अनेक कदमों के चलते कीमतों में कुछ नरमी आई।


मुद्रास्फीति की दर 26 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह में बढ़कर 7.61 प्रतिशत तथा 26 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 7.83 प्रतिशत हो गई। दिल्ली की एक गृहिणी सुचित्रा सिंह ने कहा कि दाल, गेहूं के खुदरा भावों में पिछले कुछ हफ्तों में गिरावट आई है और इससे हमारे रसोई बजट में कुछ कमी हुई है। महानगरों में जीविका खर्च सामान्यत: अधिक है तथा खाद्य कीमतों में स्थिरता से उपभोक्ताओं को राहत मिली है।

विशेषज्ञों के अनुसार इससे मुद्रास्फीति पर नियंत्रण में भी मदद मिलेगी। बढ़ती खाद्य कीमतों पर नियंत्रण के लिए सरकार ने 31 मार्च को सभी खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में कटौती की। दाल के निर्यात पर प्रतिबंध को एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया है। इसी तरह गत सप्ताह चना, आलू, सोया तेल तथा रबर के वायदा कारोबार पर रोक लगा दी गई।

आंकड़ों के अनुसार नाश्ते के सामान में दूध के दाम 20 रुपये प्रति किलो तथा चीनी के दाम 108 रुपये प्रति किलो पर स्थिर रहे। इसी तरह आलोच्य अवधि में वनस्पति 71 रुपये प्रति किलो पर स्थिर रहे जबकि सरसों तेल एक   रुपये की नरमी के साथ 70 रुपये प्रति किलो रही।

सब्जी खंड में प्याज और आलू के दाम क्रमश: 8 रुपये प्रति किलो और 9 रुपये प्रति किलो रहे। ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि महानगरों में जहां लोगों की आय अपेक्षाकृत कुद बेहतर रहती है, महंगाई का बोझ कुछ कम है।

First Published : May 16, 2008 | 11:47 PM IST