Dollar vs Rupee: सोमवार को सीमित दायरे में कारोबार करने के बाद रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर के करीब बंद हुआ। एशियाई मुद्राओं में भी गिरावट का रुख रहा।
डॉलर के मुकाबले रुपया 83.53 पर बंद हुआ, जबकि शुक्रवार को यह 83.50 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। रुपया इस साल 16 अप्रैल को 83.54 रुपये प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ था।
दिन के दौरान 83.50 से 83.54 रुपये प्रति डॉलर के बीच कारोबार हुआ। अमेरिका के महंगाई के आंकड़े बुधवार को जारी होने हैं, उसके पहले एशिया की प्रमुख मुद्राओं में कारोबारी घंटों के दौरान 0.1 प्रतिशत से 0.7 प्रतिशत के बीच गिरावट आई है।
अमेरिका के महंगाई दर के आंकड़े आने के बाद बाजार को अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Fed Reserve) द्वारा दर में कटौती किए जाने की उम्मीद है।
बाजार के कुछ हिस्सेदारों का कहना है कि केंद्रीय बैंक ने आने वाले चुनाव परिणाम के पहले घरेलू इक्विटी से धन निकासी के दबाव के बीच रुपये को एक निश्चित दायरे में बनाए रखा है।
कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड में वीपी- करेंसी डेरिवेटिव्स ऐंड इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव्स अनिंद्य बनर्जी ने कहा, ‘रिजर्व बैंक हर दिन बाजार में है। हम चुनाव परिणाम तक किसी उतार चढ़ाव की उम्मीद नहीं कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘चल रहे माह के दौरान रुपये का कारोबार 83.30 से 83.70 रुपये प्रति डॉलर के बीच बना रह सकता है।’ कुछ निवेशकों ने आम चुनाव की अनिश्चितताओं के कारण सावधानी बरतते हुए अलग बने रहने का विकल्प चुना है।
कम मतदान की वजह से चिंता हो रही है और कयास लगाए जा रहे हैं कि संभवतः सत्तासीन दल को स्पष्ट जनादेश न मिल पाए।
एक सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, ‘चालू महीने में रुपया एक निश्चित सीमा के भीतर बना रहेगा। 83.50 रुपये प्रति डॉलर पर जाने के बाद अगला प्रतिरोध 83.65 रुपये प्रति डॉलर का होगा।’
बाजार के हिस्सेदारों का कहना है कि भूराजनीतिक स्थिति में स्थिरता आने पर अमेरिका में दर दय करने वाले पैनल द्वारा सितंबर में दर में कटौती की उम्मीद है, जिससे रुपये को मदद मिलेगी।