facebookmetapixel
WeWork India IPO: अप्लाई करें या इंतजार करें, देखें पूरी डिटेल्स और फायदे-नुकसानक्या शेयर बाजार में निवेश अब जोखिम भरा है? ‘रिच डैड पुअर डैड’ के लेखक ने निवेशकों को क्यों चेतायाCorporate Actions: निवेशकों की बल्ले-बल्ले! अगले हफ्ते मार्केट में स्प्लिट-बोनस-डिविडेंड का तगड़ा कॉम्बिनेशन‘मेक इन इंडिया’ की ओर झुका यूरोप, 6 अक्टूबर से शुरू होगी भारत-ईयू एफटीए वार्ताStock Split: अगले हफ्ते तीन कंपनियां करेंगी स्टॉक स्प्लिट, निवेशकों के लिए सस्ते होंगे शेयरBonus Stocks: अगले हफ्ते कुल चार कंपनियां बांटेगी बोनस, निवेशकों को मिलेगा सीधा लाभDividend Stocks: निवेशकों की बल्ले-बल्ले! अगले हफ्ते तीन कंपनियां बांटेगी अपना मुनाफा, देखें लिस्टअमेरिका में नई इमिग्रेशन नीति: अब ट्रंप प्रशासन नाबालिगों को 2500 डॉलर देकर वापस घर भेजेगी!Income Tax Rule: कंपनी से Diwali पर मिले गिफ्ट्स और बोनस पर भी लग सकता है टैक्स, जानें नियम के बारे मेंदिवाली से पहले इस राज्य के कर्मचारियों और पेंशनरों को मिला तोहफा! सरकार ने DA में 3% बढ़ोतरी की

यूरोप को डीजल का रिकॉर्ड निर्यात! कीमतों में आई तेजी

कारोबारियों ने पश्चिम देशों में रिफाइनरियों को रखरखाव का सत्र शुरू होने के कारण जबरदस्त लाभ कमाया

Last Updated- October 02, 2025 | 11:56 PM IST
Crude Oil

भारत से यूरोप को डीजल निर्यात सितंबर में संभवत: रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। शिप ट्रैकर और व्यापार के सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि कारोबारियों ने पश्चिम देशों में रिफाइनरियों को रखरखाव का सत्र शुरू होने के कारण जबरदस्त लाभ कमाया।

एलएसईजी, केप्लर और दो व्यापार सूत्रों ने बताया कि बाजार में उतार-चढ़ाव होने पर एशिया के प्रमुख आपूर्तिकर्ता से यूरोप को आपूर्ति बढ़कर 13 लाख टन से 14 लाख टन (97 से 104 लाख बैरल हुई) हो गई। शिपट्रैकिंग के आंकड़ों के मुताबिक इन आंकड़ों का संकलन 2017 से शुरू हुआ और इस साल के बाद भारत का यूरोप को निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।

भारत के रिफाइनर एक तिहाई कच्चे तेल की आपूर्ति रूस से प्राप्त करते हैं। वे अधिशेष उत्पाद निर्यात कर रहे हैं और मुनाफा बढ़ा रहे हैं। भारत से गेसोलिन और डीजल की खेप कई वर्षों के उच्च रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। केप्लर शिपट्रैकिंग के आंकड़ों के अनुसार भारत का यूरोप को डीजल निर्यात पांच साल के उच्च स्तर 30 लाख टन पर पहुंच गया था।

एलएसईजी के प्राइसिंग आंकड़ों के अनुसार सितंबर में पूर्वी और पश्चिमी यूरोप में डीजल का औसत मूल्य 45 डॉलर प्रति टन रहा जो अगस्त में 30 डॉलर प्रति टन रहा। इस मूल्य ने व्यापारियों को यूरोप की मार्केट की ओर जाने के लिए प्रोत्साहित किया।

व्यापारियों ने बताया कि यूरोप में रिफाइनरियों के रख रखाव का सत्र शुरू होने के कारण आपूर्ति कम हुई और डीजल के दाम मजबूत हुए। माल ढुलाई की 10 डॉलर प्रति टन कम हो गई है।

First Published - October 2, 2025 | 11:51 PM IST

संबंधित पोस्ट