विदेश से मांग के बावजूद निर्यातकों का मुनाफा कम

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 4:31 AM IST

वैश्विक रिकवरी की वजह से हाल के दिनों में वाणिज्यिक वस्तुओं के निर्यात में तेजी के बावजूद निर्यातकों का कहना है कि उनके मुनाफे पर दबाव बना रह सकता है। अप्रैल महीने में वाणिज्यिक निर्यात 30.63 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल के समान महीने की तुलना में तीन गुना है। अप्रैल 2019 की तुलना में इसमें 17.62 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
निर्यातकों का कहना है कि ऑर्डर बुकिंग उत्साहजनक है। इंजीनियरिंग के सामान, पेट्रोलियम उत्पादों, रत्न एवं आभूषण, कार्बनिक एवं अकार्बनिक रसायन, फार्मास्यूटिकल्स, रेडीमेड गार्मेंट्स और इलेक्ट्रॉनिक सामान की अप्रैल के निर्यात में हिस्सेदारी दो तिहाई है। इनमें से इंजीनियरिंग के सामान में सबसे बड़ी बढ़ोतरी हुई है। बहरहाल केयर रेटिंग ने एक नोट में कहा है कि इनपुट लागत बढऩे की वजह से धातुओं की कीमत बढ़ रही है, जिसे प्रतिस्पर्धा प्रभावित हो रही है।
निर्यातकों का भी कहना है कि लागत बढऩे की वजह से मूल्य के हिसाब से बढ़ोतरी नजर आ रही है। पूरी दुनिया में जिंस के भाव बढऩे, खासकर कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल होने वाली धातुओं के दाम बढऩे से निर्यात का ज्यादा मूल्य हो सकता है, जबकि मात्रा उतनी ही बनी रहेगी।
एक अधिकारी ने कहा, ‘कच्चे माल के दाम में बढ़ोतरी वैश्विक है। अंतिम उत्पाद की कीमत बढ़ी है, लेकिन उस अनुपात में नहीं, जितना कि कच्चे माल की कीमत बढ़ी है। ऐसे में मुनाफे पर दबाव है।’
इसके अलावा माल भाड़े में तेज बढ़ोतरी से भी निर्यातकों का मुनाफा प्रभावित हो रहा है।
फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के महानिदेशक (डीजी) और मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) अजय सहाय ने कहा कि 400 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए सभी हिस्सेदारों को कोशिश करने की जरूरत है।

First Published : May 23, 2021 | 11:34 PM IST