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ग्लोबल लेवल पर जारी तनाव के बावजूद भारत की आर्थिक वृद्धि को मजबूत घरेलू क्षेत्र से मिल रहा समर्थन: RBI बुलेटिन

वैश्विक अर्थव्यवस्था 2024 की पहली छमाही में मजबूत रही। मुद्रास्फीति में गिरावट से घरेलू खर्च को समर्थन मिला।

Last Updated- October 21, 2024 | 7:32 PM IST
RBI

देश के वृद्धि परिदृश्य को विकास को गति देने वाले ‘इंजन’ से समर्थन मिल रहा है और वैश्विक स्तर पर तनाव के बावजूद निजी निवेश के मामले में कुछ उत्साहजनक संकेत मिल रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अक्टूबर के बुलेटिन में यह कहा गया है। इसमें कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था 2024 की पहली छमाही में मजबूत रही। मुद्रास्फीति में गिरावट से घरेलू खर्च को समर्थन मिला।

बुलेटिन में प्रकाशित ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ पर एक लेख में कहा गया है कि मौद्रिक नीति में नरमी के बीच वृद्धि की स्थिर गति ज्यादातर अर्थव्यवस्थाओं में चर्चा का विषय बन रही है। इसमें कहा गया है, ‘‘वैश्विक स्तर पर जारी तनाव के बावजूद, भारत के वृद्धि परिदृश्य को मजबूत घरेलू इंजन से समर्थन मिल रहा है।’’

बुलेटिन के अनुसार, हालांकि कुछ महत्वपूर्ण आंकड़ों में 2024-25 की दूसरी तिमाही में नरमी देखी गयी है। यह आंशिक रूप से अगस्त और सितंबर में असामान्य रूप से भारी बारिश जैसे कारकों का नतीजा है।

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा की अगुवाई वाली एक टीम के लिखे लेख में कहा गया है, ‘‘… प्रमुख संकेतकों के संदर्भ में निजी निवेश कुछ उत्साहजनक संकेत दिखा रहा है, जबकि उपभोग व्यय में त्योहारों के बीच वृद्धि देखने को मिल रही है।’’

मुद्रास्फीति लगातार दो महीने चार प्रतिशत के लक्ष्य से नीचे रहने के बाद, सितंबर में बढ़ गई। इसका कारण प्रतिकूल तुलनात्मक आधार प्रभाव के साथ खाने के सामान की महंगाई का बढ़ना है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि बुलेटिन के लेख में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और वह रिजर्व बैंक की सोच का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।

First Published - October 21, 2024 | 7:32 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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