अर्थव्यवस्था

CRISIL ने भारत की विकास दर का अनुमान बढ़ाया, 2025 में 6.8% रहने की उम्मीद

अनुमान यह है कि वित्त वर्ष 31 तक अर्थव्यवस्था के दोनों आधारस्तंभ विनिर्माण और सेवा क्षेत्र बेहद तेजी से विस्तार करेंगे।

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शिवा राजौरा   
अमृता पिल्लई   
Last Updated- March 06, 2024 | 11:11 PM IST

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने वित्त वर्ष 25 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 6.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। क्रिसिल ने भारत आउटलुक रिपोर्ट में कहा कि हालिया वित्त वर्ष की 7.6 प्रतिशत की वृद्धि सुस्त हो जाएगी। इसका कारण कम राजकोषीय असर और उच्च ब्याज दर है। इससे मांग कम होगी और शुद्ध कर प्रभावित होकर सामान्य होगा।

क्रिसिल ने बयान में कहा, ‘राजकोषीय प्रभाव (अगले साल) कम होगा। इसका कारण यह है कि अगले साल राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.1 प्रतिशत कम करने का अनुमान है। हालांकि सरकार के खर्च करने के तरीके से निवेश चक्र और ग्रामीण आमदनी को कुछ मदद मिलेगी।’

रेटिंग एजेंसी का महंगाई के बारे में अनुमान है कि कृषि की उपज बेहतर होने के कारण खाने की वस्तुओं, तेल और जिंसों के दामों मंदी आएगी और यह अगले वित्त वर्ष में भी जारी रहने की उम्मीद है। रिपोर्ट में यह अनुमान भी जताया गया है कि इस दशक के अंत तक भारत की अर्थव्यवस्था 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है और भारत उच्च मध्यम आय वाला देश बनेगा। देश की अर्थव्यवस्था दोगुनी होकर 7 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी।

अनुमान यह है कि वित्त वर्ष 31 तक अर्थव्यवस्था के दोनों आधारस्तंभ विनिर्माण और सेवा क्षेत्र बेहद तेजी से विस्तार करेंगे। इससे देश जबरदस्त वृद्धि के दायरे में विकास करेगा। क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने कहा कि विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के पास घरेलू और वैश्विक मांग को पूरा करने के अत्यधिक अवसर मौजूद हैं।

उन्होंने कहा, ‘हमने वित्त वर्ष 2025 से 2031 के दौरान विनिर्माण और सेवा क्षेत्र को क्रमश 9.1 प्रतिशत और 6.9 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है। विनिर्माण क्षेत्र ने कुछ गति पकड़ी है लेकिन भारत के विकास में सेवा क्षेत्र प्रमुख भूमिका निभाएगा।

First Published : March 6, 2024 | 11:11 PM IST