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तेल 100 डॉलर से ऊपर गया तो बढ़ेगी अराजकता

महामारी के दौरान तेल की कीमतों को स्थिर करने के लिए दुनिया एकजुट हुई थी

Last Updated- October 04, 2023 | 10:24 PM IST
India's oil demand will be stable till mid-2040, global demand likely to fall after 2035: BP Energy भारत की तेल मांग 2040 के मध्य तक होगी स्थिर, वैश्विक मांग 2035 के बाद गिरने की संभावना: बीपी एनर्जी

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को चेतावनी दी है कि अगर कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर जाती है तो इससे ‘संगठित अराजकता’ फैलेगी।

पुरी की यह प्रतिक्रिया अबूधाबी में चल रहे एडीआईपीईसी तेल व गैस सम्मेलन में सऊदी अरब और रूस द्वारा इस साल के अंत तक तेल के उत्पादन में कटौती जारी रखने की घोषणा के बाद आई है।

बुधवार सुबह सीएनएन पर एक चर्चा के दौरान पुरी ने कहा, ‘अगर कीमत 100 डॉलर से ऊपर जाती है तो यह उत्पादक देश या अन्य किसी के हित में नहीं है। आप व्यापक और संगठित अव्यवस्था पैदा करेंगे।’

उन्होंने कहा कि पिछले 18 महीने से कीमत बढ़ रही है और इससे विश्व के विकासशील देशों के तमाम इलाकों में 10 करोड़ लोग गरीबी की चपेट में आ गए हैं।

एक दिन पहले पुरी ने कहा था कि तेल उत्पादकों को तेल की खपत करने वाले देशों जितनी ही संवेदनशीलता दिखाने की जरूरत है, जैसा कि विश्व के अन्य देशों ने महामारी के दौरान दिखाई थी। भारत अपने कच्चे तेल की जरूरत का 60 प्रतिशत आयात करता है, जिसकी कीमत 101 अरब डॉलर के करीब है।

पुरी ने कहा था कि महामारी के दौरान जब कच्चे तेल की कीमत गिर गई थीं तब कीमतों को स्थिर करने के लिए दुनिया सामने आई थी, जिससे उत्पादकों के लिए यह टिकाऊ स्तर पर बनी रहे। महामारी के दौरान कच्चे तेल की कीमत 20 डॉलर प्रति बैरल तक गिर गई थी और कीमत 50 डॉलर प्रति बैरल से कम पर आ गई थी।

First Published - October 4, 2023 | 10:24 PM IST

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