सरकार के व्यय और सरकारी प्रतिभूतियों के परिपक्व होने के कारण बैंकिंग व्यवस्था में अतिरिक्त नकदी 2 माह के उच्च स्तर 91,225 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। बाजार के डीलरों ने यह जानकारी दी। चालू वित्त वर्ष में 18 अप्रैल से अब तक नकदी अधिशेष उच्चतम स्तर पर है। प्रामइमरी डीलरशिप में एक डीलर ने कहा, ‘सरकार के व्यय और सरकारी प्रतिभूतियों का भुगतान करीब 60,000 करोड़ रुपये रहा है।’
उन्होंने कहा कि निकट अवधि के हिसाब से अतिरिक्त नकदी 60,000 से 80,000 करोड़ रुपये के बीच रह सकती है। इसी क्रम में 3 माह और 6 माह के ट्रेजरी बिल पर यील्ड 2 आधार अंक गिर गई है। वहीं 365 दिन के ट्रेजरी बिल पर पिछले सप्ताह की तुलना में यील्ड 1 आधार अंक कम हुई है।
बाजार से जुड़े हिस्सेदारों ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक वैरिएबल रेट रीपो (वीआरआर) और वैरिएबल रेट रिवर्स रीपो (वीआरआरआर) नीलामी जारी रखेगा, जिससे नकदी की स्थिति संतुलन में बनी रहे। एक बड़े सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, ‘रिजर्व बैंक वीआरआरआर नीलामियों के माध्यम से हस्तक्षेप करेगा क्योंकि वे नहीं चाहते कि मनी मार्केट रेट, रीपो रेट के नीचे बना रहे।’
उन्होंने कहा कि माह के दौरान कुछ और ऋण मुक्ति मिल सकती है, इसलिए हम रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप की उम्मीद कर रहे हैं। 28 जुलाई को 60,944 करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियां परिपक्व होनी हैं। नकदी की स्थिति में सुधार के कारण बुधवार को भारित औसत मनी मार्केट रेट गिरकर 6.35 प्रतिशत हो गया।
रीपो रेट इस समय 6.50 प्रतिशत है। बुधवार को रिजर्व बैंक ने 2 दिन की वीआरआरआर नीलामी की। बैंकों ने 6.49 प्रतिशत भारित औसत दर पर 50,000 करोड़ रुपये अधिसूचित राशि की तुलना में 25,145 करोड़ रुपये जमा किए।